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    रासायनिक खाद के फायदे से अधिक नुकसानदायक

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    Updated: Fri, 06 Jan 2017 07:08 PM (IST)

    संवाद सहयोगी, विकासनगर: मल्टीपल एक्शन ग्रुप फॉर इंटीग्रेटेड रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी धर्मावाला की ओर स ...और पढ़ें

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    संवाद सहयोगी, विकासनगर: मल्टीपल एक्शन ग्रुप फॉर इंटीग्रेटेड रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी धर्मावाला की ओर से ढालीपुर बावड़ी में जनजाति परिवारों के लिए आयोजित छह दिवसीय जैविक सब्जी उत्पादन प्रशिक्षण शिविर शुक्रवार को समाप्त हुआ। समापन पर प्रशिक्षक राजेश कुमार ने जैविक खेती से टमाटर उत्पादन के गुर बताए। जबकि, डिप्टी कमिश्नर आयकर रजनीश यशस्वस्थी ने कहा कि जैविक खेती से ही स्वस्थ व समृद्ध समाज का निर्माण संभव है। कहा कि जैविक खेती से उत्पादित अन्न मानव शरीर को स्वस्थ रखेगा। इसके साथ ही जैविक खेती उत्पादन में भी वृद्धि करेगी, जिससे समाज आर्थिक रूप से समृद्ध होगा।

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    ग्रामीणों को जैविक खेती के गुर बताते हुए प्रशिक्षक राजेश कुमार ने कहा कि रासायनिक खाद का प्रयोग करने से अल्पकाल के लिए उत्पादन में वृद्धि होती है। लेकिन, रासायनिक खाद से उत्पादित उपज का मानव शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है। साथ ही रासायनिक खाद से मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी क्षीण होने लगती है। कहा कि खेतों के पारिस्थितिकीय संतुलन को बनाए रखने के लिए कीट पतंगों का होना जरूरी है। रासायनिक खाद से कीट पतंगे नष्ट होते हैं। इसके साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने वाले केंचुए को भी नुकसान पहुंचता है। जबकि, जैविक खाद कीट पतंगों व केंचुए को पोषक तत्व प्रदान करती है। छह दिनों तक चले शिविर में ग्रामीणों को गोबर व घास-फूस के मिश्रण से जैविक खाद बनाने की विधि के साथ कंपोस्ट खाद बनाने की विधि भी बताई गई। सगंध पौधा केंद्र के तकनीकी सहायक महेंद्र ¨सह चौहान ने कहा कि जैविक खेती के माध्यम से दीर्घकाल में उत्पादन क्षमता बढ़ती है, जिससे ग्रामीण अपनी आर्थिकी बढ़ा सकते हैं। इस दौरान पीडी बहुखंडी, श्यामा चौहान, कविता चौहान, सीमा, लीला, ज्ञान ¨सह, मोहन नेगी, नरेंद्र ¨सह, रजत ¨सह, रजत डेविड, नरेश कुमार, विक्रम ¨सह आदि मौजूद रहे।