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    यात्री स्वयं करें अपने सामान की सुरक्षा

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    Updated: Wed, 06 Jul 2016 01:00 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, देहरादून : अगर आप अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस उत्तराखंड परिवहन निगम की वॉल्वो बस ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, देहरादून :

    अगर आप अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस उत्तराखंड परिवहन निगम की वॉल्वो बस में सफर कर रहे हैं तो अपने सामान की सुरक्षा स्वयं करें। खासकर देहरादून से दिल्ली के बीच के सफर में। कहीं ऐसा न हो कि जब आप सफर खत्म करें तो बैग में लैपटॉप या मोबाइल की जगह पानी की बोतल रखी मिले। बसों में लगातार सामान चोरी होने के मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामले में बीती सोमवार रात दिल्ली से चले एक निजी कंपनी के मैनेजर का लैपटॉप, स्मार्टफोन व अन्य सामान निकालकर पानी की दो बोतलें बैग में रख दी गई। वहीं, पीड़ित जब शिकायत लेकर रोडवेज अधिकारियों और पुलिस चौकी गए तो दोनों ने पल्ला झाड़ लिया।

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    डोईवाला निवासी व एक निजी कंपनी में मैनेजर नितिन कुमार बीती सोमवार रात साढ़े 11 बजे दिल्ली में कश्मीरी गेट आइएसबीटी से वॉल्वो बस (यूके07-पीए-2436) से दून के लिए चले। बस में कुल 11 यात्री सवार थे। नितिन ने अपना एक बैग सीट के ऊपर रैक पर रखा हुआ था, जिसमें लैपटॉप और स्मार्टफोन के साथ ही चार्जर, डोंगल भी थे। बस खतौली में एक रेस्टोरेंट में रुकी, जहां यात्री लघुशंका के लिए उतरे। लगभग पौन घंटे बाद बस दून के लिए चली। दून में सुबह साढ़े पांच बजे बस पहुंची व नितिन भी बैग लेकर बाहर चले गए। डोईवाला जाते हुए उन्होंने बैग खोला तो उनके होश उड़ गए। बैग से लैपटॉप, मोबाइल आदि गायब थे, जबकि पानी की दो भरी हुई बोतल रखी हुई थी। वह घर पहुंचे और पत्नी को बात बताई। फिर पत्नी समेत आइएसबीटी पहुंचे व डीलक्स डिपो के सहायक महाप्रबंधक पीके भारती से शिकायत की। आरोप है कि रोडवेज अधिकारियों ने खुद माना कि बसों में चोरी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसके बाद नितिन आइएसबीटी चौकी गए, लेकिन पुलिस ने चोरी के बजाय गुमशुदगी की तहरीर लेकर पल्ला झाड़ लिया।

    वॉल्वो बसों में गैंग हैं सक्रिय

    वॉल्वो बसों में पिछले कुछ समय से लगातार सामने आ रही घटनाएं इस बात की पुष्टि कर रही हैं कि बसों में कोई शातिर गैंग सक्रिय है। पहले यात्री अपना सामान बसों की डिग्गी में रखते थे, लेकिन चोरी के मामले सामने आने पर वे बस के अंदर ही सामान रखने लगे। 22 मई को भी विदेशी यात्री मौजात मैक्सवेल का लैपटॉप चोरी कर बैग में पानी की बोतलें रख दी गई थी। अप्रैल में जेएनयू में पीएचडी की छात्रा रुचिका का भी आइपैड और लैपटॉप व मार्च में साफ्टवेयर कंपनी में तैनात केपी पंत का लैपटॉप भी चोरी हो गया था।

    तीन राज्यों में कौन ले जिम्मेदारी

    दून-दिल्ली के बीच बसों में चोरी को लेकर यात्री तीन राज्यों के बीच फंस रहे हैं। दून पहुंचने पर उत्तराखंड पुलिस इसे दूसरे राज्य का मामला बताकर हाथ खड़े कर देती है तो दिल्ली पहुंचने पर दिल्ली पुलिस इसे उत्तर प्रदेश का मामला बताते हुए पल्ला झाड़ लेती है। उत्तर प्रदेश की स्थिति भी ऐसी ही है।

    स्टीकर लगाकर कर्तव्य पूरा

    बसों में चोरी की घटनाओं को लेकर 'जिम्मेदार' रोडवेज प्रबंधन ने बसों में सुरक्षा जानकारी के स्टीकर चस्पा कर कर्तव्य की इतिश्री कर डाली। इनमें लिखा है कि यात्री अपने सामान की सुरक्षा स्वयं करें। सवाल ये उठ रहा कि वॉल्वो बस में भारी-भरकम किराया लेकर भी यात्रियों के सामान की सुरक्षा क्यों नहीं की जा रही।

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    बसों में सामान चोरी होने की शिकायतें आ रही हैं, लेकिन खुद ही सोचिए कि हर यात्री पर परिचालक कैसे नजर रख सकता है। निश्चित की चोरी किसी यात्री की ओर से ही की जाती होगी। हमने सुरक्षा के लिहाज से बसों में स्टीकर लगाए हैं कि लैपटॉप व मोबाइल आदि अपने साथ ही रखें।

    पीके भारती, सहायक महाप्रबंधक, डीलक्स डिपो