राज्य गीत को मिली धुन, जनता को समर्पित
राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड के राज्य गीत 'उत्तराखंड देवभूमि, मातृभूमि, शत-शत वंदन अभिनंदन' को
राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड के राज्य गीत 'उत्तराखंड देवभूमि, मातृभूमि, शत-शत वंदन अभिनंदन' को राज्य गीत का दर्जा मिलने के साथ ही इसे धुन भी मिल गई है। नौ मिनट की अवधि के इस गीत में उत्तराखंड की संस्कृति, इतिहास, धार्मिक स्थलों व शहीदों की याद को शामिल किया गया है। शनिवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत की उपस्थिति में इस राज्यगीत को जनता को समर्पित किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने औपचारिक समारोह के लिए इसका छोटा स्वरूप तैयार करने को कहा, जिसकी अवधि तकरीबन दो मिनट होगी।
न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गीत ने गागर में सागर भरने का काम किया है। इसमें प्रदेश की बोलियों को भी आदर दिया गया है। उन्होंने गीत के छोटे स्वरूप को तैयार करने की जिम्मेदारी भी राज्य गीत चयन करने वाली समिति को सौंपी। उन्होने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि इसमें गीत की मूल भावना प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि बजट सत्र से पहले इस गीत को तैयार करने का प्रयास किया जाए। इस पर समिति ने इसी माह अंत तक छोटे स्वरूप को तैयार करने पर सहमति जताई। इससे पहले कार्यक्रम में राज्य गीत चयन समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बटोही ने बताया कि समिति को गीत के लिए 203 प्रविष्टियां मिली थीं। अंत में हेमंत बिष्ट के गीत को सर्वसम्मति से राज्य गीत बनाने पर सहमति बनी। उन्होंने बताया कि गीत का एक अंतरा गढ़वाली व एक अंतरा कुमाऊंनी का है।
कार्यक्रम में गीत को स्वर देने वाले गायक नरेंद्र सिंह नेगी, गीत के रचयिता हेमंत बिष्ट समेत पूरी चयन समिति को सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राकेश शर्मा, मेला संवर्द्धन व वर्गीकरण समिति के अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला, सचिव विनोद शर्मा, शैलेश बगोली व निदेशक संस्कृति बीना बिष्ट मौजूद थे।

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