राष्ट्रीय खेलों की अवस्थापना के लिए मिले 128 करोड़ रुपये, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड में 2021 में प्रस्तावित 38वें नेशनल गेम्स के लिए खेल संसाधन विकसित करने को 128.1575 करोड़ का बजट पास किया गया है।
देहरादून, जेएनएन। प्रदेश में 2021 में प्रस्तावित 38वें नेशनल गेम्स के लिए खेल संसाधन विकसित करने को 128.1575 करोड़ का बजट पास किया गया है। इस धनराशि से प्रदेश में विभिन्न क्रीड़ा स्थलों के उच्चीकरण के साथ तीन बहुउद्देश्यीय क्रीड़ा हॉल बनाए जाएंगे। जिनका इस्तेमाल राष्ट्रीय खेलों में होगा। उत्तराखंड में प्रस्तावित 38वें नेशनल गेम्स में 34 खेलों का आयोजन होना है। इनकी तैयारी के लिए कई दौर की बैठक हो चुकी है।
भारतीय ओलंपिक संघ की तकनीकी कमेटी भी प्रदेश का दौरा कर चुकी है। इसी क्रम में बुधवार को सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में राज्य व्यय वित्त समिति की बैठक हुई। जिसमें राष्ट्रीय खेलों की अवस्थापनाओं के विस्तार के लिए सात प्रस्तावों को स्वीकृति मिली। इसके तहत महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून में 30.23 करोड़ की लागत से बहुउद्देश्यीय क्रीड़ा हॉल का निर्माण किया जाएगा। जो दिव्यांगजन के लिए लिफ्ट, वीआइपी लॉन्ज, कारपोरेट बॉक्स, दर्शक दीर्घा और स्पोर्ट्स लाइटिंग जैसी अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं से लैस होगा।
इसके अलावा 24.49 करोड़ रुपये से पिथौरागढ़ और 19.87 करोड़ रुपये से हरिद्वार के रोशनाबाद में भी बहुउद्देश्यीय क्रीड़ा हॉल का निर्माण किया जाएगा। जिनमें लॉकर रूम, आइओए ऑफिस रूम, लिफ्ट, फर्स्ट एड एंड डोपिंग रूम, जिम, स्टोर, शौचालय, 800 लोगों की दर्शक दीर्घा और प्रैक्टिस हॉल की सुविधा होगी। बैठक में वित्त सचिव अमित सिंह, प्रभारी सचिव खेल बृजेश कुमार संत मौजूद रहे।
ये कार्य भी होंगे
- 17.04 करोड़ रुपये से महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून के एथलेटिक्स पवेलियन भवन और ट्रैक का उच्चीकरण।
- 10.48 करोड़ से स्पोर्ट्स कॉलेज में बन रहे बॉक्सिंग हॉल का उच्चीकरण। इसी हॉल में नेट बॉल प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा।
- 11.11 करोड़ की लागत से स्पोर्ट्स कॉलेज में 200 बेड के हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा।
- 14.91 करोड़ रुपये से हरिद्वार के रोशनाबाद में हॉकी स्टेडियम में स्पैक्टेटर्स स्टैंड, पार्किंग, विद्युतीकरण व ड्रेनेज कार्य किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: वूमेंस अंडर-19 वन-डे ट्रॉफी: उत्तराखंड ने त्रिपुरा को 97 रन से हराया
तय समय में काम पूरा करना चुनौती
राष्ट्रीय खेलों के लिए अब एक साल से भी कम समय बचा है। इस अंतराल में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं वाले संसाधन विकसित करना किसी चुनौती से कम नहीं है। इसके लिए अधिकारियों को दिन-रात व्यायाम करना होगा। निर्माणाधीन संस्थाएं बजट की लीपापोती न करें, इस पर भी नजर रखनी होगी।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के स्टेडियम को लेकर राज्य सरकार और सीएयू के बीच होगा करार