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    परिवहन मुख्यालय में अधिकारियों का टोटा

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    Updated: Tue, 02 Jun 2015 04:04 PM (IST)

    राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में परिवहन व्यवस्था को सुव्यवस्थित व सुचारू रूप से चलाने का जिम्मेदार

    राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में परिवहन व्यवस्था को सुव्यवस्थित व सुचारू रूप से चलाने का जिम्मेदार विभाग खुद को व्यवस्थित नहीं कर पा रहा है। हालात ये हैं कि विभाग के मुख्यालय को बीते आठ वर्षो में विभागीय अपर परिवहन आयुक्त नहीं मिला है। उप परिवहन आयुक्त के तीन पद रिक्त चल रहे हैं। आरटीओ मुख्यालय के लिए गठित एक पद के सापेक्ष तीन अधिकारी तैनात हैं। बामुश्किल विभाग में उप परिवहन आयुक्त के पदों पर डीपीसी की तैयारी हुई लेकिन विभिन्न कारणों से बैठक नहीं हो पाई है। यह स्थिति तब है जब इस विभाग को स्वयं मुख्यमंत्री हरीश रावत देख रहे हैं।

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    राज्य गठन के बाद से ही परिवहन मुख्यालय को अधिकारियों का संकट झेलना पड़ा है। राज्य गठन के बाद बीते पंद्रह वर्षो में परिवहन विभाग में अभी तक केवल तीन अधिकारी ही अपर परिवहन आयुक्त पद तक पहुंच पाए हैं। विभाग में दिसंबर 2007 में टीपी कुंडलिया के रिटायरमेंट के बाद से ही इस पद पर विभागीय नियुक्ति नहीं हो पाई। दरअसल, उस दौरान विभाग में इस पद के अनुरूप वरिष्ठ अधिकारियों की कमी थी। ऐसे में शासन ने इस पद पर अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को बैठाना शुरू कर दिया। यह व्यवस्था बदस्तूर जारी है। ऐसा ही हाल कुछ डीटीसी के पदों पर है। मुख्यालय में उप परिवहन आयुक्त प्रशासन, प्रवर्तन और राज्य परिवहन प्राधिकरण के तीन पद हैं। ये पद खाली चल रहे हैं, जबकि इन पदों को भरने के लिए तीन अधिकारी पात्रता रखते हैं। वरिष्ठता क्रम के हिसाब से सबसे पहला दावा सुनीता सिंह का बनता है। इसके बाद एसके सिंह और सुधांशु गर्ग के नाम आते हैं। इनकी डीपीसी की फाइल तो चली लेकिन प्रमुख सचिव परिवहन व परिवहन आयुक्त इसके लिए अभी तक समय नहीं निकाल पा रहे हैं।

    नतीजतन मुख्यालय में एक विचित्र सी स्थिति पैदा हो गई है। मुख्यालय में केवल एक ही आरटीओ स्तर का पद है। यह सहायक परिवहन आयुक्त का पद कहलाता है। मौजूदा समय में आरटीओ स्तर के तीन अधिकारी मुख्यालय में तैनात हैं। इसमें सहायक परिवहन आयुक्त के पद पर राजीव मेहरा तैनात हैं। अधिकारियों के वरिष्ठता क्रम में सबसे पहले नंबर पर आने वाली सुनीता सिंह के पास फिलहाल कोई घोषित पद नहीं है। इतना जरूर है कि उन्हें मुख्यालय के अहम कार्यो की जिम्मेदारी दी गई है। इसी प्रकार सुधांशु गर्ग आरटीओ अल्मोड़ा के साथ ही मुख्यालय में आरटीओ तकनीकी का काम देख रहे हैं हालांकि मुख्यालय में ऐसा कोई पद नहीं है। ऐसा नहीं है कि शासन को इसकी कोई जानकारी नहीं है। प्रमुख सचिव परिवहन एस रामास्वामी के पास ही आयुक्त परिवहन की भी जिम्मेदारी है। बावजूद इसके अहम पदों का रिक्त होना सरकार व शासन की कार्यशैली पर सवाल उठा रहा है।