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    डॉक्टरी की जाली डिग्री बेचने वाला शातिर गिरफ्तार, यूक्रेन से लौटे छात्रों के भी सर्टिफिकेट तैयार करने का संदेह

    इमलाख से मिनिस्ट्री आफ पब्लिक हेल्थ आफ यूक्रेन के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। ऐसे में केस की जांच कर रही एसआइटी को संदेह है कि कोरोनाकाल में यूक्रेन से लौटे भारतीय मूल के छात्रों के भी प्रमाणपत्र इमलाख ने तैयार किए हैं।

    By Nitesh SrivastavaEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Wed, 08 Feb 2023 09:39 AM (IST)
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    हिस्ट्रीशीटर इमलाख से रिमांड के दौरान बरामद जाली दस्तावेजों के बारे में जानकारी देते वरिष्ठ पुलिस अधिकारी। जागरण

     जागरण संवाददाता, देहरादून: बीएएमएस समेत अन्य जाली डिग्री बेचने वाले गिरोह के सरगना इमलाख के काले कारनामे उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि कई राज्यों में फैले हुए हैं। आरोपित से दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इमलाख रुपये लेकर किसी भी प्रदेश के विवि की डिग्री तैयार कर लेता था।

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    इतना ही नहीं, इमलाख से मिनिस्ट्री आफ पब्लिक हेल्थ आफ यूक्रेन के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। ऐसे में केस की जांच कर रही एसआइटी को संदेह है कि कोरोनाकाल में यूक्रेन से लौटे भारतीय मूल के छात्रों के भी प्रमाणपत्र इमलाख ने तैयार किए हैं। इस बिंदू पर भी एसआइटी जांच कर रही है। मंगलवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने पत्रकार वार्ता में बताया कि दो दिन की पुलिस रिमांड के दौरान इमलाख से काफी जानकारियां हासिल हुई हैं।

    उन्होंने बताया कि इमलाख से बड़ी संख्या में विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालय के दस्तावेज बरामद हुए हैं। साथ ही 51 जाली मुहरें भी मिलीं हैं, इनसे वह जाली डिग्रियां तैयार करता था। एसएसपी के अनुसार, जांच के दौरान एक और झोलाछाप की गिरफ्तारी हुई है।

    आरोपित की पहचान राजेंद्र प्रसाद उनियाल निवासी ग्राम मजगांव, चंबा, टिहरी गढ़वाल के रूप में हुई है। राजेंद्र सिंह ने भी इमलाख से बैचलर आफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी मेडिसन एंड सर्जरी (बीईएमएस) की जाली डिग्री छह लाख रुपये में खरीदी थी। अब तक इस प्रकरण में गिरोह के सरगना समेत 12 की गिरफ्तारी हो चुकी है।

    बरामद दस्तावेजों में अंकपत्र और पंजीकरण प्रमाणपत्र भी

    इमलाख से पुलिस ने रिमांड के दौरान बड़ी संख्या में दस्तावेज बरामद किए। इन दस्तावेजों में अलग-अलग राज्यों के विश्वविद्यालयों की मुहरें, अभ्यर्थियों के अंकपत्र, अंकपत्रों की बुकलेट, जिनमें कुछ छपे हुए और कोरे भी पाए हैं।

    इसके अलावा चिकित्सकों के भारतीय चिकित्सा परिषद में पंजीकरण के प्रमाणपत्र, विश्वविद्यालयों के प्रिंटेड लिफाफे, लैटरपैड, प्रोवीजनल प्रमाणपत्र, चिकित्सा दक्ष प्रमाणपत्र भी पाए गए हैं। पुलिस अब इन दस्तावेजों की जांच कराएगी कि आरोपित इमलाख ने इन्हें कैसे हासिल किया और अगर खुद ही तैयार किए हैं तो इनकी छपाई कहां से कराई है। पुलिस को अंदेशा है कि इमलाख ने बड़ी संख्या में युवाओं को बीएएमएस के अलावा अन्य कोर्स की भी डिग्री बेची हैं। इसकी भी जांच कराई जा रही है।