'मुस्तफा जाने रहमत पे लाखों सलाम..'
जागरण संवाददाता, देहरादून: ईद-मिलादुन्नबी यानी इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के मौके पर रविवार
जागरण संवाददाता, देहरादून: ईद-मिलादुन्नबी यानी इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के मौके पर रविवार को जुलूस-ए-मिलाद जोशोखरोश के साथ निकाला गया। जुलूस में शामिल मुस्लिम समुदाय के लोग 'मुस्तफा जाने रहमत पे लाखों सलाम, सम-ए-बज्म-ए-हिदायत पे लाखों सलाम..' गाते हुए चल रहे थे। साथ ही सदाओं में 'मरहबा या मुस्तफा' और 'सरकार की आमद मरहबा' के नारे भी गूंज रहे थे।
रविवार सुबह गोसिया मस्जिद कमेटी, रजा मस्जिद कमेटी व इमाम अहमद रजा चेरिटेबल ट्रस्ट की अगुआई में पटेलनगर स्थित बर्फखाने से जुलूस-ए-मिलाद को मुख्यमंत्री हरीश रावत और कैंट विधायक हरबंस कपूर ने झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हजरत मोहम्मद के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। सामाजिक एकता एवं सद्भाव के उनके संदेश की हमें हमेशा जरूरत रहेगी। उनकी दी गई शिक्षा और उपदेश पर चलकर आदर्श समाज का निर्माण किया जा सकता है।
जुलूस सहारनपुर चौक, प्रिंस चौक, तहसील चौक, बुद्धचौक होते हुए बाबा सैय्यद जमालशाह रहमतुल्ला अलैह की दरगाह पर जाकर समाप्त हुआ। यहां तकरीर करते हुए नायब सुन्नी शहर काजी सैय्यद अशरफ हुसैन कादरी ने कहा कि हमें पैगंबर मोहम्मद के बताए रास्ते पर चलते हुए गरीब और यतीमों की मदद करनी चाहिए। जुलूस में हिमाचल के दावत-ए-इस्लामी ने भी हिस्सा लिया। इस मौके पर हाजी अब्दुल हमीद, अब्दुल सईद, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक रमजान अली, इम्तियाज अहमद, मोहम्मद राशिद खान, शकील अहमद, सोनू, चांद बाबू, मौलाना नूर-उल-हुदा, मौलाना फिरोज आलम आदि मौजूद रहे।
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पढ़ाई का खर्च वहन करेगा ट्रस्ट
इमाम अहमद रजा चेरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंधक नायब सुन्नी शहर काजी सैय्यद अशरफ हुसैन कादरी ने कहा कि ट्रस्ट साल में 12 गरीब बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च वहन करेगा। साथ दो लड़कियों की शादी भी कराएगा।
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पैगंबर का संदेश आत्मसात करने की जरूरत
देहरादून: सीरत-उन-नबी कमेटी की ओर से ईद-मिलादुन्नबी के मौके पर रविवार को इंदर रोड स्थित तस्मिया अकादमी में एक गोष्ठी आयोजित की गई। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि पैगंबर हजरत मोहम्मद ने हमेशा गरीब एवं जरूरतमंदों की मदद और भाईचारे का संदेश दिया। कमेटी के अध्यक्ष डॉ. एस.फारूख ने कहा कि इंसान को सभी मजहबों का सम्मान करते हुए बुराइयों से बचना चाहिए। गोष्ठी में मौलाना आर.अहमद हक्कानी ने पैगंबर मोहम्मद साहब का पैगाम पढ़कर सुनाया। इसके बाद शहरकाजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने दुआ की। गोष्ठी में मौलाना रिसालुद्दीन हक्कानी, फारुख अहमद, डीएस मान, बाबा महाराज अमिता नंद, फादर जेपी सिंह, जनरल ओपी कौशिक, अशोक वर्मा, सुशीला बलूनी, किरन उल्फत, आरके बख्शी, सैय्यद मोहम्मद यासर आदि ने विचार रखे।
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आतंकवाद का कोई मजहब नहीं
ईद-मिलादुन्नबी के मौके पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से कारगी में आयोजित कार्यक्रम में मंच के उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड संयोजक डॉ. सदाकत अली ने कहा कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता और इसे इस्लाम में गलत ठहराया गया है। साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार से उर्दू भाषा को दूसरी जबान का दर्जा देने की मांग की। इस दौरान मंच की ओर से गरीबों को कंबल भी वितरित किए गए। कार्यक्रम में मंच के राष्ट्रीय सलाहकार गिरीश जुयाल, कारी जाकिर हुसैन, कार्यक्रम संयोजक मास्टर शकील अहमद, शौकीन अंसारी आदि ने अपने विचार रखे।
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