महिलाओं की पूर्ण समानता को अभी लंबा संघर्ष
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राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड सचिवालय संघ की ओर से महिला दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि लगातार संघर्ष के बाद अब कहीं जाकर महिलाओं को बराबरी का दर्जा मिला है। अभी भी पूर्ण समानता प्राप्त करने के लिए लंबे संघर्ष की आवश्यकता है। कार्यक्रम में जन गीतों और कविता के माध्यम से महिला अधिकारों के संघर्ष को याद किया गया।
शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने महिला दिवस की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। इस दौरान महिलाओं के अधिकारों के लिए गए गए संघर्ष को याद किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने स्त्री को मानव के रूप में पहचाने जाने एवं मानवीय गरिमा के अनुरूप व्यवहार किए जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इस दौरान भूपेंद्र बसेड़ा, सुधा नेगी, नीलम बिष्ट, विमला आर्य व राजबाला ने जनगीत व कविता के माध्यम से महिला संघर्ष को याद किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अपर सचिव दमयंती दोहरे ने महिलाओं से जिम्मेदार समाज के निर्माण की नींव अपने परिवार से ही रखने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में सचिवालय संघ के अध्यक्ष नरेंद्र रतूड़ी, महासचिव प्रदीप पपनै के अलावा प्रीति तिवारी, मोनिका गब्र्याल, मंजुला खर्कवाल व सोनिया मनराल आदि समेत बड़ी संख्या में सचिवालय की महिला कर्मी मौजूद थीं।

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