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    रुद्र के अभिषेक को श्रद्धा का सैलाब

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    Updated: Tue, 06 Aug 2013 08:18 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, देहरादून: झमाझम वर्षा के बावजूद श्रावण शिवरात्रि पर द्रोणनगरी बम-बम भोले के जयघोष से गुंजायमान रही। व्रती श्रद्धालुओं और कांवड़ियों ने मंदिरों व शिवालयों में रुद्राभिषेक कर भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद लिया। पंचाक्षरी और महामृत्युंजय मंत्रों के जाप से वातावरण उल्लासित रहा। साथ ही मंत्रमुग्ध करती रहीं शिवालयों में गूंजती भजनलहरियां। इसी के साथ कांवड़ यात्रा ने भी विराम लिया।

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    शिवरात्रि के मद्देनजर तड़के से ही शिवालय 'ॐ नम: शिवाय' के जयघोष से गूंजने लगे थे। कानों में रस घोलने लगे थे भोलेनाथ के भजन। भोर होते-होते मंदिरों में खड़े होने को भी जगह नहीं बची और जलाभिषेक के लिए शिव भक्तों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। यह सिलसिला दिनभर चलता रहा।

    दिव्य पदार्थो से अभिषेक

    श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में शिव भक्तों ने गणेश जी का स्मरण कर भगवान भोलेनाथ का आह्वान-ध्यान किया और फिर आरंभ हुआ गंगाजल, दूध, दही, घृत, शहद, शक्कर, पंचामृत व गुलाबजल से सामूहिक रुद्राभिषेक। सांध्य बेला में 251 कमल के फूलों से भगवान पृथ्वीनाथ महादेव का श्रृंगार कर उनकी आरती उतारी गई। इस दौरान दिगंबर भागवत पुरी ने कहा कि समस्त देवों में शिव ही ऐसे देव हैं, जिन्हें मात्र जल चढ़ाकर प्रसन्न किया जा सकता है। यही जल श्रावण मास में चढ़ाया जाए तो उसका फल कई गुना हो जाता है।

    भोले नूं मनाइये..

    श्री श्याम सुंदर मंदिर में दोपहर तक सैकड़ों भक्तों ने भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर शिवलिंग का जलाभिषेक किया। इस दौरान मंदिर में भोलेनाथ के भजनों की गूंज रही। महिला संकीर्तन मंडल ने 'ॐ नम: शिवाय' के जाप से भक्तों को भावविभोर किया। श्रृंगार आरती के बाद सभी ने खीर के प्रसाद का भोग लगाया। इस मौके पर अवतार मुनियाल, भूपेंद्र चड्ढा, ओमप्रकाश सूरी, चंद्रमोहन आनंद, गोविंद मोहन, राम सिंह, यशपाल मग्गो आदि मौजूद रहे।

    रूप, जय व यश के दाता

    पौराणिक टपकेश्वर धाम में जलाभिषेक को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। मंत्रोच्चार व भजनलहरियों के बीच मध्यरात्रि के बाद जलाभिषेक का जो सिलसिला आरंभ हुआ था, वह सोमवार दिनभर चलता रहा। व्रती श्रद्धालुओं के साथ हजारों कांवड़ियों ने भी शिव को जल चढ़ाया। इस मौके पर महंत 108 मायागिरि महाराज ने कहा कि शिवरात्रि पर शिवलिंग के अभिषेक से रूप, जय व तेज के साथ यश की भी प्राप्ति होती है।

    शांति एवं समृद्धि को प्रार्थना

    प्राचीन नागेश्वर महादेव मंदिर में भी रुद्राभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं। महंत विश्वनाथ योगी के सानिध्य में श्रद्धालुओं ने विश्व शांति व उत्ताराखंड की समृद्धि के लिए सामूहिक प्रार्थना की। इस मौके पर उन्होंने शिवमहापुराण कथा का रसास्वादन भी किया।

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