सोना नदी अभयारण्य के वन गुर्जरों का पुनर्वास
जागरण ब्यूरो, देहरादून: वन गुर्जरों के पुनर्वास का टाइमफ्रेम तय कर लिया गया है। इस संबंध में जून तक सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी। सोना नदी अभयारण्य के 259 परिवारों को हरिद्वार वन प्रभाग के सबलगढ़ में बसाया जाएगा। इसके लिए 160 हेक्टेयर भूमि का चयन कर लिया गया है।
सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में इस संबंध में रूपरेखा तय की गई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि पुनर्वास से पहले सबलगढ़ में पेयजल, शौचालय, पशुओं के लिए चारा, मकान बनाने की सामग्री आदि बुनियादी जरूरतें मुहैया कराई जाएं। इसके साथ ही बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा आदि की भी व्यवस्था की जाए। बैठक में तय किया गया कि आगामी 21 मई तक मानक के अनुसार गुर्जर परिवारों का चयन कर लिया जाए। इसके बाद मौके का मुआयना कर जून के पहले हफ्ते तक भूमि का सीमांकन कर लिया जाए। 15 जून तक प्लाटिंग करने के बाद गुर्जर परिवारों को आवंटित किया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि वन विभाग गुर्जर परिवारों का बायोमीट्रिक्स आधारित परिचय पत्र भी बनाएगा। पुनर्वास कार्य को सही ढंग से अंजाम देने के लिए वन विभाग के अधिकारी की तैनाती भी की जाएगी। पुनर्वास में होने वाले व्यय का ब्योरा भारत सरकार को भेजा जाएगा। दस लाख रुपये प्रति परिवार देने का प्रस्ताव भी केंद्र को भेजा जाएगा। गौरतलब है कि सोना नदी अभयारण्य में रह रहे 181 गुर्जर परिवारों को सबलगढ़ में बसाने का आदेश पहले ही हो चुका है। शेष 78 परिवारों के चयन का कार्य कर कुल 259 परिवारों का पुनर्वास किया जाना है। बैठक में प्रमुख सचिव वन एस रामास्वामी, प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव एसएस शर्मा, स्टाफ अफसर मुख्य सचिव एमसी जोशी, अपर सचिव वन मनोज चंद्रन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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