आरटीओ में खत्म होगा फाइलों का 'पहाड़', 10 लाख फाइलें होंगी कंप्यूटरीकृत
आरटीओ ने इन फाइलों के कंप्यूटरीकरण की कवायद शुरू कर दी है। दफ्तर में पुराने वाहनों की करीब 10 लाख फाइलें जमा हैं। इन्हें कंप्यूटरीकृत किया जाएगा।
देहरादून, अंकुर अग्रवाल। आरटीओ में लगा वाहनों की फाइलों का 'पहाड़' खत्म करने के लिए विभाग ने इन फाइलों के कंप्यूटरीकरण की कवायद शुरू कर दी है। मौजूदा समय में आरटीओ दफ्तर में पुराने वाहनों की करीब 10 लाख फाइलें जमा हैं। इन्हें कंप्यूटरीकृत करने को विभाग ने पांच करोड़ रुपये मंजूर कर लिए हैं। इस काम के लिए आरटीओ ने दस कर्मचारियों की डिमांड परिवहन मुख्यालय को भेजी है।
कर्मचारियों के आते ही फाइलों की स्कैनिंग शुरू हो जाएगी। पूरा डाटा कंप्यूटरीकृत होने के बाद फाइलों को नष्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद वाहन ट्रांसफर कराने, आरसी के नवीनीकरण, फिटनेस एवं टैक्स आदि कार्य कंप्यूटर के जरिए होंगे। परिवहन विभाग की मानें तो फाइलें कंप्यूटरीकृत होने में लगभग एक साल लगेगा। मौजूदा वक्त में सभी नए वाहनों का डाटा ऑनलाइन ही फीड किया जा रहा। व्यवस्था यह भी की जा रही कि डाटा फीड करने के बाद फाइल को वाहन के मालिक के सुपुर्द कर दिया जाए।
बैंक की तरह होगा हस्ताक्षर मिलान
फाइलों के कंप्यूटरीकरण के बाद वाहन से जुड़े किसी भी कार्य के लिए बैंकों की तरह कंप्यूटर पर हस्ताक्षर का मिलान होगा। यह व्यवस्था लागू होने के बाद वाहन ट्रांसफर, नवीनीकरण या फिटनेस से जुड़े मामलों में कर्मचारियों को फाइलों के ढेर में घुसने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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चूहें कुतर रहे वाहनों की फाइलें
कार्यालय परिसर में वाहनों की फाइलों की दुर्दशा पर परिवहन सचिव भी नाराजगी जता चुके हैं। गत एक अगस्त को परिवहन सचिव शैलेश बगोली ने जब दफ्तर में छापा मारा था तो उन्होंने फाइलों का अंबार देख पूछा था कि कंप्यूटराइजेशन हो चुका है तो फाइलों को क्यों संभाला जा रहा। इस बीच उन्होंने देखा था कि निचले तल पर फाइलें चूहें कुतर रहे थे। पहली मंजिल पर गैलरी में भी फाइलों व कंप्यूटर के ढेर बिखरे हुए थे। परिवहन सचिव ने फाइलों के रखरखाव की नीति बनाने के निर्देश दिए थे। जिस पर विभाग ने कंप्यूटरीकरण का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा था। फाइलें पुराने निजी और सभी व्यावसायिक वाहनों की हैं।
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करीब दस लाख पुराने वाहनों की फाइलें कंप्यूटरीकृत करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके लिए मुख्यालय से दस कर्मचारी मांगे गए हैं, जो फाइलें स्कैन कर डाटा को कंप्यूटर में लोड करेंगे। इस पूरे काम में एक वर्ष का समय लग सकता है।
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