दस फरवरी को होगी आरटीए की बैठक, इससे पहले चार बार हो चुकी है निरस्त
चार मर्तबा निरस्त हो चुकी संभागीय परिवहन प्राधिकरण गढ़वाल मंडल (आरटीए) की बैठक 10 फरवरी को होगी।
देहरादून, जेएनएन। दस साल पुराने वाहनों के संचालन पर रोक को लेकर नीति बनाने समेत कई अहम मामलों पर फैसलों को लेकर चार मर्तबा निरस्त हो चुकी संभागीय परिवहन प्राधिकरण गढ़वाल मंडल (आरटीए) की बैठक 10 फरवरी को होगी। बीते ढाई माह में बैठक का शेड्यूल चार बार तय किया गया, लेकिन हर मर्तबा यह विभिन्न कारणों से निरस्त हो गई। अब फिर बैठक की नई तिथि तय की गई है।
पहले यह बैठक चार नवंबर को होने जा रही थी, लेकिन तब भी पंचायत चुनाव की आचार संहिता प्रभावी थी। इसके बाद यह बैठक 19 नवंबर को होनी थी, लेकिन तब भी पंचायत चुनाव के लिए जिला पंचायतों के अध्यक्षों व ब्लाक प्रमुखों के चुनाव की आचार संहिता लागू थी। इसके बाद बैठक की नई तिथि 16 दिसंबर तय की गई, मगर पंचायतों की रिक्त सीटों पर मतदान होने की वजह से लागू आचार संहिता का पेंच अड़ गया। फिर 21 जनवरी नई तारीख चुनी गई, मगर यह भी निरस्त हो गई।
अब परिवहन विभाग ने फरवरी के पहले सप्ताह में बैठक का शेड्यूल तय किया है। ट्रांसपोर्टरों में इस बैठक को लेकर उत्साह और विरोध दोनों ही हैं। उत्साह दून और हरिद्वार में नए परमिटों को लेकर है तो विरोध दस वर्ष पुराने वाहनों पर पाबंदी से जुड़ी नीति को लेकर है। बैठक में दस साल पुराने वाहनों को लेकर होने वाले फैसले के विरोध में ट्रांसपोर्टरों ने पूर्व से ही आंदोलन का एलान किया हुआ है। बैठक में दून-सेलाकुई सिटी बस के अलावा दून से कालसी मार्ग पर निजी बसों के परमिट, परेड ग्राउंड और रायपुर से मालदेवता मार्ग पर सिटी बसों की संख्या को बढ़ाने पर भी फैसला होना है।
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यही नहीं परेड ग्राउंड से शिमला बाइपास पर भी मिनी बसों की भी संख्या बढ़ाई जानी है। शहर में आंतरिक मार्गों पर टाटा मैजिक भी बढ़ाने पर फैसला होना है। तकरीबन सवा वर्ष के बाद होने जा रही प्राधिकरण बैठक में एजेंडा परिवहन सेवाओं में बढ़ोत्तरी का है। आरटीए सचिव दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि आरटीए की बैठक में नीति बनाई जानी है कि कैसे पुराने वाहनों को धीरे-धीरे चलन से बाहर किया जा सके। केंद्र सरकार की ओर से भी काम चल रहा है।
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सेलाकुई रूट पर लेकर विवाद
बैठक में एक अहम मामला देहरादून से सेलाकुई के लिए सिटी बसों के परमिट का भी है। सरकार ने इस रूट पर सिटी बसों के परमिट देने की तैयारी की हुई है। विरोध में विकासनगर-डाकपत्थर बस यूनियन ने इस मामले में आपत्ति लगाई हुई है। यूनियन ने इसे लेकर हाईकोर्ट जाने की चेतावनी भी दी हुई है। दरअसल, इस मार्ग पर विकासनगर बस यूनियन अपनी 'दादागिरी' चलाती है। दूसरे प्राइवेट ऑपरेटरों को यहां चलने नहीं दिया जाता। रोडवेज बसों को भी इस मार्ग पर परेशानी उठानी पड़ती है। चाक-चौराहों से विकासनगर यूनियन के सदस्य रोडवेज बसों को सवारी नहीं उठाने देते। सिटी बस यूनियन ने झाझरा रूट भी चार किमी आगे बढ़ाकर बंशीवाला तक करने की मांग रखी हुई है।
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