उत्तराखंड सरकार की Lakhpati Didi Yojana, इस बार 1.20 लाख महिलाएं बनेंगी 'लखपति'
उत्तराखंड में, महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 1.63 लाख महिलाएं 'लखपति दीदी' बन चुकी हैं, जिनकी वार्षिक आय एक लाख से अधिक है। इस वित्तीय वर्ष में 1.20 लाख और महिलाओं को यह दर्जा दिलाने का लक्ष्य है। ग्राम्य विकास सचिव धीराज गर्ब्याल ने पर्यटन विभाग को मूल्यांकन समिति में शामिल करने के निर्देश दिए, ताकि 'लखपति दीदी' योजना को और प्रभावी बनाया जा सके।

लखपति दीदी राज्य स्तरीय मूल्यांकन समिति की बैठक। प्रतीकात्मक
राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 1.63 लाख महिलाएं अब तक लखपति दीदी बन चुकी हैं। यानी उन्हें सालाना एक लाख रुपये से अधिक की आय हो रही है। चालू वित्तीय वर्ष में 1.20 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। ग्राम्य विकास सचिव धीराज गर्ब्याल की अध्यक्षता में शनिवार को आजीविका मिशन के सभागार में हुई लखपति दीदी राज्य स्तरीय मूल्यांकन समिति की बैठक में यह जानकारी दी गई। सचिव गर्ब्याल ने मूल्यांकन समिति में पर्यटन विभाग को भी सम्मिलित करने के निर्देश दिए।
ग्राम्य विकास सचिव गर्ब्याल को बैठक में बताया गया कि राज्य में अब तक 68,497 स्वयं सहायता समूह गठित किए गए हैं। साथ ही 7,768 ग्राम संगठन और 586 क्लस्टर संगठनों का गठन किया जा चुका है। इन सभी समूहों से पांच लाख से अधिक महिलाएं विभिन्न आजीविका गतिविधियों से जुड़ी हैं। दीनदयाल अंत्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संस्थागत निर्माण, क्षमता विकास, वित्तीय समावेशन, विभागीय समन्वय, विभिन्न आजीविका गतिविधियों में संलग्नता और उत्पादों के विपणन के माध्यम से समूहों से जुड़ी महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
ग्राम्य विकास सचिव गर्ब्याल ने स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार एवं पीएमईजीपी से भी जोड़ने के निर्देश दिए। साथ ही समूहों का तकनीकी एवं कौशल मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के माध्यम से करने, समूहों के उत्कृष्ट उत्पादों को हाउस आफ हिमालयाज से जोड़ने, ग्रामोत्थान के माध्यम से अधिकाधिक ग्रामीण उद्यमों को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
उन्होंने कहा कि सभी विभाग परस्पर समन्वय स्थापित कर जिलावार कार्ययोजनाएं तैयार करें, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं लखपति दीदी बन सकें। ग्राम्य विकास सचिव ने सभी जिलों के सीडीओ के साथ विभाग के अंतर्गत संचालित राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामोत्थान, मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना, हाउस आफ हिमालयाज समेत अन्य योजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी की। जिन घटकों में जिलों की प्रगति संतोषजनक नहीं पाई गई, उनमें सुधार के निर्देश दिए। बैठक में अपर सचिव ग्राम्य विकास झरना कमठान, अपर आयुक्त एके राजपूत, उपायुक्त नरेश कुमार, एसीईओ प्रदीप कुमार पांडेय, मुख्य क्रियान्वयन अधिकारी प्रभाकर बेवनी, अपर परियोजना निदेशक महेंद्र सिंह समेत कृषि, उद्यान, पशुपालन, सहकारिता, मत्स्य, उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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