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    उत्तराखंड के सभी अस्पतालों में बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य

    By Jagran News NetworkEdited By: Nitesh Srivastava
    Updated: Sat, 21 Jun 2025 12:46 PM (IST)

    मंत्री ने कहा कि यह स्थिति कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्वास्थ्य महानिदेशक और निदेशक चिकित्सा शिक्षा को सख्त निर्देश दिए गए कि सभी जिला चिकित्सालयों, उप जिला चिकित्सालयों, संयुक्त चिकित्सालयों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों के अलावा प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में बायोमेट्रिक हाजिरी मशीनें जल्द से जल्द लगाई जाएं।

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    जागरण संवाददाता, देहरादून। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की अब बायोमेट्रिक हाजिरी होगी। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि उत्तराखंड के सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कालेजों में यह व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू की जाए। डा. रावत ने कहा कि प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए यह कदम उठाया गया है।

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    उन्होंने कहा कि बार-बार शिकायतें आ रही थीं कि कई चिकित्सक और पैरामेडिकल कर्मचारी बिना अवकाश लिए ड्यूटी से गायब रहते हैं। इससे अस्पतालों की व्यवस्था प्रभावित होती है और मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ता है। मंत्री ने कहा कि यह स्थिति कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्वास्थ्य महानिदेशक और निदेशक चिकित्सा शिक्षा को सख्त निर्देश दिए गए कि सभी जिला चिकित्सालयों, उप जिला चिकित्सालयों, संयुक्त चिकित्सालयों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों के अलावा प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में बायोमेट्रिक हाजिरी मशीनें जल्द से जल्द लगाई जाएं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बायोमेट्रिक हाजिरी के माध्यम से सभी कर्मचारियों की उपस्थिति पर नजर रखी जाएगी।

    अगर कोई भी डाक्टर या कर्मचारी बिना अवकाश लिए गैरहाजिर पाया गया तो उसके वेतन में कटौती की जाएगी। इतना ही नहीं, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। इसके लिए सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों (सीएमओ) और चिकित्सा शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों को निर्देशित कर दिया गया है। इसके अलावा जिला प्रशासन के अधिकारी भी समय-समय पर अस्पतालों का औचक निरीक्षण करेंगे। मंत्री ने कहा कि अस्पतालों में आने वाले मरीजों को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए सरकार पूरी तरह गंभीर है।

    उन्होंने कहा कि डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की प्राथमिक जिम्मेदारी मरीजों की सेवा करना है। ड्यूटी में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है। डा. रावत ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। बायोमेट्रिक हाजिरी लागू करना उसी कड़ी का हिस्सा है।