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    Uttarakhand: बिना डिब्बों के चल पड़ी त्रिवेणी एक्सप्रेस, तीन किमी आगे जाने के बाद चालक को लगी भनक, वापस लौटाया

    By Jagran NewsEdited By: Shivam Yadav
    Updated: Mon, 31 Jul 2023 09:48 PM (IST)

    रेलवे स्टेशन टनकपुर से सोमवार को त्रिवेणी एक्सप्रेस का इंजन बिना डिब्बों के ही पटरी पर दौड़ गया। ट्रेन की रवानगी के बाद उसमें सवार यात्रियों व अधिकारियों को जब इसकी जानकारी हुई तो हड़कंप मच गया। स्टेशन से तीन किमी बिचई कमलपथ के पास पहुंचने पर चालक को इंजन में डिब्बे न जुड़े होने का आभास हुआ जिसके बाद इंजन को वापस स्टेशन लाया गया।

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    टनकपुर रेलवे स्टेशन से त्रिवेणी एक्सप्रेस सुबह 8:35 बजे गंतव्य को रवाना होती है।

    टनकपुर, जागरण टीम: रेलवे स्टेशन टनकपुर से सोमवार को त्रिवेणी एक्सप्रेस का इंजन बिना डिब्बों के ही पटरी पर दौड़ गया। ट्रेन की रवानगी के बाद उसमें सवार यात्रियों व अधिकारियों को जब इसकी जानकारी हुई तो हड़कंप मच गया। स्टेशन से तीन किमी बिचई कमलपथ के पास पहुंचने पर चालक को इंजन में डिब्बे न जुड़े होने का आभास हुआ, जिसके बाद इंजन को वापस स्टेशन लाया गया। 

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    टनकपुर रेलवे स्टेशन से त्रिवेणी एक्सप्रेस सुबह 8:35 बजे गंतव्य को रवाना होती है। सोमवार को ट्रेन का इंजन नियत समय पर गंतव्य को रवाना हो गया, लेकिन कोच पीछे छूट गए। चालक तीन किमी दूर बिचई से कुछ आगे कमल पथ पहुंचा तो उसे इंजन में डिब्बे न लगे होने का अहसास हुआ। उनके इंजन रोककर देखा तो होश फाख्ता हो गए। 

    वापस लाया गया इंजन

    आनन-फानन में चालक इंजन को वापस रेलवे स्टेशन लाया। इंजन के ट्रेक पर आगे बढऩे की खबर के बाद रेलवे के अधिकारियों के भी हाथ पांव फूल गए। इंजन के वापस लौटने पर सभी ने राहत की सांस ली। इंजन में डिब्बे जोड़ने के बाद ट्रेन को 25 मिनट देरी से गंतव्य के लिए रवाना किया गया। 

    गनीमत रही कि इस दौरान ट्रैक पर अन्य किसी ट्रेन के आने का समय नहीं था, अन्यथा हादसा हो सकता था। 24 से 26 कोच वाली यह ट्रेन टनकपुर से पीलीभीत, बरेली, लखनऊ होते हुए शक्तिनगर मध्य प्रदेश तक जाती है।

    हुक में खराबी होने के कारण त्रिवेणी एक्सप्रेस का इंजन बिना डिब्बों के आगे बढ़ गया था। गनीमत रही कि किसी तरह की हानि नहीं हुई। उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई है। 

    -केडी कापड़ी, स्टेशन अधीक्षक टनकपुर।

    पांच साल पहले भी हुई घटना

    टनकपुर रेलवे स्टेशन पर पांच साल पहले भी एक वाकया हुआ था। तब रेलवे स्टेशन से मालगाड़ी बिना इंजन के ही पटरी पर दौड़ गई थी। आठ किमी आगे खटीमा में पटरी पर ट्रैक्टर व अन्य अवरोधक डालकर मालगाड़ी को रोका गया था।