नाले में सिमट गई लोहावती नदी
गौरी शंकर पंत, लोहाघाट : पहाड़ के लोगों को जीवन प्रदान करने वाली नदियां आज विलुप्त क
गौरी शंकर पंत, लोहाघाट :
पहाड़ के लोगों को जीवन प्रदान करने वाली नदियां आज विलुप्त की कगार पर पहुंच चुकी हैं। लोगों द्वारा फैलाई जा रही गंदगी, नालियों का दूषित पानी नदियों में मिलकर प्राण दायिनी नदी को ही समाप्त कर रहा है। किसी समय में खलाखल बहने वाली नदिया आज नाले में तब्दील हो गई हैं। यही हाल है लोहाघाट की लोहावती नदी का। जिसके किनारे कभी धार्मिक अनुष्ठान करना बड़ा ही पुण्य का कार्य होता था आज लोग नदी में आचमन करने में ही झिझक रहे हैं।
नगर के बीचों बहने वाली लोहावती नदी कभी सैकड़ों लोगों की प्यास बुझाया करती थी। दर्जनों गांवों की प्यास बुझाने वाली लोहावती नदी आज अपने अस्तित्व को खोती जा रही है। लोहावती आज मानवीय भूल के कारण अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। जहां पहले कभी लोहावती नदी खलाखल बहा करती थी वहीं अब नदी का जल स्तर कम हो गया है और नगर सहित आस पास के गांवों के आधा दर्जन से अधिक गंदे नालों का पानी नदी में छोड़ा जा रहा है। कई जगह सीवर का पानी भी नदी में बहाया जा रहा है। लोगों द्वारा नदी किनारे लोग कूड़ा कचरा खुले तौर पर फेंका जा रहा है जो बरसात में बहकर नदियों में समा जाते हैं। नदी में फैले कूड़े व दूषित जल को देखने से लोहावती नदी अब किसी नाले के समान प्रतीत हो रही है। दूषित जल के कारण नदी के जलीय जीव भी समाप्त हो रहे हैं। यदि जल्द लोहावती सहित अन्य नदियों को बचाने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाया गया तो वो दिन दूर नहीं नदियों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
------- गंदगी से कम हो रही नदियों के प्रति आस्था
लोहाघाट : पवित्र नदियों के प्रति लोगों की आस्था कम होने का कारण नदियों का जल प्रदूषित होना है। आस्था में कमी का खामियाजा भी नदियों को ही झेलना पड़ रहा है। मैली हो चुकी नदियों में स्नान व आचमन करने में भी झिझक रहे हैं। लोग यहां तक की मरे हुए मवेशियों को नदी किनारे फेंकना, कूड़ा पानी में बहाना, गटर व सीवर का पानी नदियों में छोड़ना जब तक बंद नहीं होगा तब तक नदियों के प्रति आस्था को फिर से पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता। इसके लिए स्पर्श गंगा अभियान जैसे कार्यक्रमों को कागजों तक सीमित न रख उसे धरातल पर उतारना ही होगा।
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कोर्ट के आदेशों की भी नहीं चली
लोहाघाट: हाईकोर्ट के आदेश के बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा दो मीटर की परिधि पर नया निर्माण व नदी में गंदे नाले छोड़ने को लेकर स्थानीय प्रशासन में 76 लोगों को बीते माह नोटिस दिया गया। लेकिन नोटिस देने के बाद आगे की कार्रवाई ठंडे बस्ते में पड़ गई।
----- लोहावती नदी में लगा कूडे़ का अंबार
लोहाघाट: जिस मुहाने से लोहावती नदी बनकर आती है वहा से लेकर अंतिम छोर तक कूडे़ व गंदगी के अंबार लगे है। नगर में सीवर लाइन न होने के कारण नगर की गंदगी के नाले नदी में ले जाकर छोड़ दिए गए है। साथ ही नगर में बहने वाले छोटे छोटे नाले गंदगी से पटे हुए। इन नालों का सारा गंदा पानी बहकर लोहावती नदी में जाता है। जिसके चलते नदी सिकुड़ कर नाले में तब्दील हो चुकी है।
वर्जन-
आगामी 17 फरवरी से नगर पंचायत व रामलीला कमेटी के संयुक्त तत्वाधान में लोहावती नदी में सफाई अभियान चलाया जाएगा। साथ ही ट्रीटमेंट प्लान के लिए वार्ता चल रहे रही है। प्रत्येक मौहल्ले में अभियान चलाकर लोगों को जागरुक भी किया जाएगा। - गोविंद वर्मा, नगर पंचायत अध्यक्ष।
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