शीतकाल के लिए बंद होने वाली है फूलों की घाटी, तो देर मत कीजिए और चले आइए यहां
फूलों की घाटी आगामी 31 अक्टूबर को बंद कर दी जाएगी। इस साल फूलों की घाटी के दीदार को अब तक देश-विदेश से रिकॉर्ड 16862 पर्यटक पहुंच चुके हैं।
देहरादून, जेएनएन। विश्व धरोहर फूलों की घाटी आगामी 31 अक्टूबर को बंद कर दी जाएगी। इस साल फूलों की घाटी के दीदार को अब तक देश-विदेश से रिकॉर्ड 16862 पर्यटक पहुंच चुके हैं। यह घाटी में पहुंचने वाले पर्यटकों की सर्वाधिक संख्या है।
चमोली जिले में समुद्रतल से 12995 फीट की ऊंचाई पर स्थित फूलों की घाटी अपनी जैव विविधता के लिए विश्व विख्यात है। 87.5 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली घाटी में 500 से अधिक दुर्लभ प्रजातियों के फूल खिलते हैं। इसके अलावा यहां दुर्लभ प्रजाति के जीव-जंतु, परिंदे और औषधीय वनस्पतियां पाई जाती हैं। इसी वजह से प्रकृति प्रेमियों और वनस्पति शास्त्रियों की यह सबसे पसंदीदा जगह है।
सुखद यह है कि इस साल घाटी के दीदार को बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। अब तक 16355 भारतीय और 507 विदेशी पर्यटक घाटी की सैर कर चुके हैं। जबकि, अभी घाटी को बंद होने में 19 दिन शेष हैं। वर्ष 2018 में 14742 पर्यटकों ने घाटी का दीदार किया था।
पर्यटकों से 27 लाख की कमाई
फूलों की घाटी वन प्रभाग के वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती ने बताया कि कमाई के मामले में भी इस बार घाटी ने नया रिकॉर्ड बनाया है। पर्यटकों की आमद बढऩे से नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन अब तक 26 लाख 80 हजार रुपये की आय हो चुकी है।
वर्षवार फूलों की घाटी पहुंचे पर्यटक
वर्ष, कुल पर्यटक
2019, 16862 (18 अक्टूबर तक)
2018, 14742
2017, 13752
2016, 6503
2015, 181
2014, 484
पांच सौ प्रजातियों के खिलते हैं फूल
चमोली स्थित फूलों की घाटी में करीब पांच सौ प्रजातियों के फूल खिलते हैं। इनमें जर्मेनियम, लिलियम, बछनाग, डेलफिनियम, रोडोडियाड्रोन, अर्बेनियम बेथमानी, ब्रह्मकमल, कस्तूरा कमल, हिमालयी नीला पोस्त, मार्श समेत कई प्रजातियां शामिल हैं। इन फूलों की खूबसूरती घाटी के सौंदर्य में चार चांद लगाती हैं और पर्यटक बरबस ही इस ओर चले आते हैं।
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कैसे पहुंचे फूलों की घाटी
अगर आपने अभी तक फूलों की घाटी का दीदार नहीं किया है, तो देर मत कीजिए और चले आइए उत्तराखंड के चमोली में। क्योंकि इस माह के अंत तक फूलों की घाटी सैलानियों के लिए बंद कर दी जाएगी। आपको फूलों की घाटी पहुंचने का रास्ता बताते चलें। फूलों की घाटी पहुंचने के लिए चमोली का अंतिम बस अड्डा गोविंदघाट तीर्थनगरी ऋषिकेश से 275 किलोमीटर दूर है, जो जोशीमठ-बदरीनाथ के बीच पड़ता है। इसके साथ ही ऋषिकेश तक रेल से भी पहुंचा जा सकता है, जबकि नज हवाई अड्डा जॉलीग्रांट हवाई अड्डा है।
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