विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी शीतकाल में पर्यटकों के लिए इस दिन होगी बंद, जानिए
फूलों की घाटी गुरुवार को शीतकाल में पर्यटकों के लिए बंद कर दी जाएगी। एक जून को इसे पर्यटकों के लिए खोला गया था।
जोशीमठ, जेएनएन। विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी गुरुवार को शीतकाल में पर्यटकों के लिए बंद कर दी जाएगी। एक जून को इसे पर्यटकों के लिए खोला गया था। इस साल यहां पर्यटकों की आमद और राजस्व का नया रिकॉर्ड बना। 17 हजार से ज्यादा पर्यटकों ने फूलों की घाटी के दीदार किए, इनसे 27 लाख से अधिक का राजस्व अर्जित हुआ।
फूलों की घाटी वन प्रभाग के वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती ने बताया कि इस साल फूलों की घाटी में रिकॉर्ड 17,424 पर्यटक पहुंचे। इनमें 16,904 भारतीय और 520 विदेशी शामिल हैं। यह संख्या अब तक की सर्वाधिक है। पिछला रिकार्ड वर्ष 2018 में 14742 पर्यटकों की आमद का था। इसी तरह आय के मामले में भी नया रिकॉर्ड बना है। इस साल अब तक 27,825 रूपए की आय हो चुकी है।
घाटी में पर्यटकों की खासी आमद से स्थानीय पर्यटन और होटल व्यवसाइयों के भी चेहरों पर रौनक है, इस दरिम्यान उन्होंने उम्मीदों से बढ़कर कारोबार किया। बताते चलें कि वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद कुछ सालों तक यहां पर्यटकों का रुख बहुत कम रहा। आपदा के अगले साल यानि वर्ष 2014 में 484 पर्यटक और 2015 में 181 पर्यटक ही फूलों की घाटी पहुंचे थे। लेकिन, इसके बाद साल-दर-साल यह संख्या बढ़ती गई।
जैवविविधता का खजाना
87.5 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली विश्व धरोहर फूलों की घाटी को जैवविविधता के खजाने के रूप में जाना जाता है। यहां प्राकृतिक रूप से खिलने वाली 500 से अधिक प्रजातियों के फूल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। साथ ही घाटी में दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों, पशु-पक्षियों का संसार भी यहां बसता है। इस खूबसूरत घाटी के दीदार के लिए हर साल हजारों देशी विदेशी पर्यटक यहां आते हैं। इन्हीं खूबियों को देख यूनेस्को ने 2005 में इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
पूरे सीजन सूना रहा नंदा देवी पार्क
विश्व धरोहर नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क भी आज से पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाएगा। इसे एक जून को खोला गया था। हैरत देखिए कि इस साल एक भी पर्यटक पार्क के दीदार को नहीं पहुंचा, जबकि बीते तीन सालों में सिर्फ तीन पर्यटक ही यहां पहुंचे हैं। वन क्षेत्राधिकारी धीरेश चंद्र बिष्ट ने बताया कि जोखिमभरे ट्रैकिंग रूट पर सुविधाओं का घोर अभाव और बुग्यालों में कैंपिंग बंद होने से पर्यटकों ने इधर का रुख करना बंद कर दिया है। खास बात यह कि सुरक्षा कारणों के चलते पार्क को आधा-अधूरा ही खोला जाता है। जिससे पर्यटक पार्क की जैवविविधता का दीदार नहीं कर पाते।