Uttarakhand News: बदरीनाथ यात्रियों के लिए खुशखबरी, हनुमानचट्टी से आगे कर सकेंगे हिमखंड के दीदार
बदरीनाथ हाईवे पर इस बार भी मई में तीर्थयात्री हिमखंडों का दीदार कर सकेंगे। हनुमान चट्टी से आगे रड़ांग बैंड और कचन गंगा में हिमखंड पसरे हुए हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट चार मई को खोले जाने हैं और तीर्थयात्री हिमखंडों के करीब से गुजरने का आनंद ले सकेंगे। हालांकि तापमान बढ़ने के साथ हिमखंड पिघल रहे हैं लेकिन स्थानीयों का कहना है कि मई आखिर तक इनकी मौजूदगी रहेगी।

जागरण संवाददाता, गोपेश्वर। इस बार भी मई की चिलचिलाती गर्मी में तीर्थयात्री बदरीनाथ हाईवे पर हनुमान चट्टी से आगे हिमखंडों का दीदार कर सकेंगे। हाईवे पर रड़ांग बैंड व कंचन गंगा में हिमखंड पसरे हुए हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट चार मई को खोले जाने हैं।
मैदानी क्षेत्र में अप्रैल आखिर से गर्मी बेहाल करने लगती है। ऐसे में चमोली जिले की वादियों में हिमखंडों के करीब से गुजरने का मौका मिले तो यह किसी यादगार पल से कम नहीं।
हालांकि, बदरीनाथ हाईवे पर ये हिमखंड हनुमान चट्टी से आगे ही नजर आते हैं। इस बार रड़ांग बैंड व कचनगंगा में ही हिमखंड पसरे हुए हैं। इसके अलावा बदरीनाथ व माणा के बीच आर्मी कैंप से पहले गदेरे में भी तीर्थयात्री हिमखंड का दीदार कर सकेंगे।
हालांकि, तापमान बढ़ने के साथ हिमखंड पिघल रहे हैं, लेकिन स्थानीय निवासियों का कहना है कि मई आखिर तक इनकी मौजूदगी रहेगी। नगर पंचायत बदरीनाथ के पूर्व अध्यक्ष 75-वर्षीय बलदेव मेहता बताते हैं कि 10 वर्ष पूर्व तक हाईवे पर खचड़ा नाला, लामबगड़, बेनाकुली बैंड, रड़ांग बैंड, पागलनाला, कचनगंगा आदि स्थानों पर हिमखंड देखने को मिलते थे, लेकिन मौसम चक्र में आए बदलाव के कारण इनकी संख्या सीमित रह गई है।
पहली बार अलकनंदा नदी में नहीं एक भी हिमखंड
बीते वर्षों में अलकनंदा नदी बदरीनाथ धाम से रड़ांग बैंड तक हिमखंडों के नीचे से बहती थी, लेकिन इस बार हिमखंड कहीं नजर नहीं आ रहे। वह अप्रैल शुरुआत में पिघल चुके हैं। बदरीनाथ धाम में भी बर्फ तेजी से पिघल रही है। लगता नहीं कि धाम के कपाट खुलने तक बर्फ का नामोनिशान भी मौजूद रहेगा।
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