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    Uttarakhand News : बदरीनाथ धाम में सिंहद्वार पर आई दरारों के उपचार में जुटा एएसआइ, फिट कीं ग्लास टाइल की छड़

    Uttarakhand News भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के विज्ञानियों की टीम बदरीनाथ धाम में सिंहद्वार की दीवार और लक्ष्मी मंदिर के पास आई दरारों के उपचार में जुट गई है। संस्थान के विज्ञानियों ने दरार और भूधंसाव के परीक्षण को ग्लास टाइल लगाए हैं।

    By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Tue, 04 Oct 2022 09:12 AM (IST)
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    Uttarakhand News : दरारों को विशेष तरह के शीशे की छड़ों से पैक किया।

    संवाद सहयोगी, गोपेश्वर(चमोली): Uttarakhand News : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के विज्ञानियों की टीम बदरीनाथ धाम में सिंहद्वार की दीवार और लक्ष्मी मंदिर के पास आई दरारों के उपचार में जुट गई है। इसके लिए केंद्र सरकार से एएसआइ को 4.5 करोड़ की धनराशि प्रदान की है। एएसआइ पहले सिंहद्वार पर आई दरार व एक स्थान पर दीवार के फूलने की जांचकर आगे की कार्ययोजना बनाना चाहता है।

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    सिंहद्वार व लक्ष्मी मंदिर के पास आई हल्की दरारों के उपचार का जिम्मा एएसआइ को सौंपा गया है। संस्थान के विज्ञानियों ने दरार और भूधंसाव के परीक्षण को ग्लास टाइल लगाए हैं, जो जमीन में मामूली हलचल होने पर भी चटख जाते हैं। इससे पता लग जाएगा कि दरारों का आकार घट-बढ़ तो नहीं रहा।

    दरारों को विशेष तरह के शीशे की छड़ों से पैक किया

    दरअसल, इस साल आठ मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के दौरान श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का ध्यान सिंहद्वार और लक्ष्मी मंदिर के पास आई हल्की दरारों की ओर गया था। समिति ने शासन से दरारों की जांच व उपचार की मांग की। इस पर शासन ने एएसआइ से दरारों के परीक्षण व उपचार का आग्रह किया। अब एएसआइ की टीम ने परीक्षण कार्य शुरू कर दिया है। प्रथम फेज में दरारों को विशेष तरह के शीशे (ग्लास टाइल) की छड़ों से पैक किया गया है।

    एएसआइ की उपचार विशेषज्ञ टीम के नीरज मैठाणी व आशीष सेमवाल ने बताया कि दरारों में लगाए गए इन ग्लास की कुछ समय तक निगरानी की जाएगी। दरार कितनी बढ़ीं या फिर स्थिर हैं, यह पता लगने पर ही आगे का कार्य शुरू किया जाएगा। बताया कि दरारों के गैप में लगाए गए ग्लास टाइल की अंतिम रिपोर्ट छह माह में आ जाएगी।

    उधर, मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि सिंहद्वार के बाहर हल्की दरार देखी गई हैं। सिंहद्वार के अंदर की ओर एक स्थान पर दीवार फूल भी रही है। अब एएसआइ के विज्ञानी ग्लास टाइल के आधार पर भूधंसाव हलचल का वैज्ञानिक मेजरमेंट करके आगे की रणनीति बनाएंगे।

    न्यायमूर्ति शर्मा व लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप ने किए बदरीनाथ में दर्शन

    नैनीताल उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शरत चंद्र शर्मा ने बदरीविशाल के दर्शन किए। उनके साथ सीजेएम सचिन कुमार भी बदरीनाथ पहुंचे। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप भिंडर ने बदरीविशाल के दर्शन किए। लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह भिंडर भारतीय सेना की साउथ वेस्ट कमान के अधिकारी हैं।