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    पहले दोनों ने साथ खाया जहर, फि‍र भाई ने बहन सहित कार में लगाई आग और खुद खाई में कूदा

    Updated: Thu, 10 Apr 2025 06:44 PM (IST)

    Uttarakhand News उत्तराखंड के चमोली जिले में जली कार में महिला का जला शव मिलने के मामले में नया मोड़ सामने आया है। पुलिस ने लापता कार स्वामी संतोष कुमार सेनापति का शव घटना स्थल के पास गहरी खाई में पाया है। जांच से पता चला है कि भाई-बहन ने आर्थिक तंगी और बार-बार रोजगार के लिए प्रयास असफल होने के कारण आत्महत्या की।

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    Uttarakhand News: संतोष कुमार सेनापति का शव घटना स्थल के पास गहरी खाई में मिला। जागरण

    संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर। Uttarakhand News: ज्योतिर्मठ के सुभाई भविष्य बदरी मोटर मार्ग पर चांचडी गांव के पास जली कार में महिला का जला शव के मामले में पुलिस ने मामले में लापता कार स्वामी संतोष कुमार सेनापति का शव घटना स्थल के पास गहरी खाई में मिला गया है।

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    शव मिलने के साथ भाई बहन की मौत को लेकर आर्थिकी तंगी, बार-बार रोजगार के लिए प्रयास असफल होने को प्रमुख कारण माना जा रहा है। खास बात तो यह है कि भाई बहन ने एक साथ आत्महत्या करने के लिए कीटनाशक पदार्थ खाया। भाई ने बहन की धार्मिक प्रवत्ति होने के चलते उसके अंतिम संस्कार के लिए वाहन को जलाने के बाद खुद खाई में कूद कर जान दे दी।

    रविवार पांच अप्रैल को सुभाई भविष्य बदरी मोटर मार्ग पर चांचडी गांव के पास जली कार में महिला का नर कंकाल मिला था। हालांकि तब मौके से लापता कार स्वामी संतोष कुमार सेनापति को लेकर हत्या का अंदेशा जताकर पुलिस जांच में जुटी थी। लेकिन जांच के दौरान जो तथ्य सामने आए वह एक परिवार के सदस्यों की बार बार आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के प्रयासों में असफल होने व मौत को गले लगाने की दर्दनाक कहानी बंया करती है। 

    गौरतलब है कि शनिवार की रात्रि को ज्योतिर्मठ के तपोवन सुंभाई मोटर मार्ग पर चांचडी के पास टैक्सी कार में महिला का शव पूरी तरह से जलने की घटना घटित हुई थी। हालांकि इसकी जानकारी रविवार सुबह स्थानीय लोगों के माध्यम से पुलिस व प्रशासन को लगी थी।

    पुलिस जांच में यह तथ्य साफ हो गया कि घटना में कार के अंदर जली हुई महिला श्वेता सेनापति निवासी ओडिशा के रायगड़ा नगर के रुप में पहचान हुई है। महिला के साथ मौजूद कार स्वामी संतोष कुमार सेनापति मृतका का सगा भाई है। घटना के बाद से ही लापता संतोष कुमार सेनापति का फोन बंद आने व जांच के दौरान बेंगलुरु, कनार्टक, हरिद्धार, उड़ीसा में भाई बहन की आर्थिक स्थिति डामाडोल होने की जानकारी सामने आई थी।

    इस आधार पर पुलिस भी यह मान रही थी कि लापता संतोष ने कहीं इस घटना को अंजाम देने के बाद आत्महत्या न कर दी है। लिहाजा पुलिस, एसडीआरएफ लगातार घटना स्थल के जंगलों में सर्च अभियान चला रही थी। गुरुवार को डॉग स्क्वायड के साथ भारत तिब्बत सीमा पुलिस की भी मदद ली गई।

    बताया गया कि घटना स्थल से 50 मीटर आगे तपाेवन की ओर चार सौ मीटर गहरी खाई में मृत महिला के संदिग्ध फरार भाई सुनील कुमार सेनापति का शव बरामद हुआ है। पुलिस द्वारा आईटीबीपी, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, डॉग स्क्वायड का संयुक्त रेस्क्यू अभियान चला कर जंगल में ड्रोन के साथ जमीनी सर्च अभियान चलाया।

    इस दौरान रस्सियों के सहारे आईटीबीपी के जवान खाई में उतरे तो संतोष कुमार सेनापति का शव बरामद हो गया। बताया गया कि इसके हाथ भी जले थे। साथ ही मुंह से झाग भी आया था। पुलिस द्वारा शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए ज्योतिर्मठ लाया गया है।

    मृतक का विसरा जांच के बाद ही यह साफ होगा कि उसने जहर पिया है या नहीं। लेकिन जो कहानी भाई बहन की मौत पर सामने आई है। वह पग पग पर असफलता व जीने की उम्मीद और फिर आत्महत्या का निर्णय पर खत्म हुई है।

    ज्योतिर्मठ के ढाक गांव में पांगर बासा होम स्टे में रहने के दौरान भाई बहन ने 11 अप्रैल को होम स्टे छोड़ने की बात होम स्टे स्वामी को कही थी। ये आर्थिक संकट के इस दौर से गुजर रहे थे कि उन्होंने कुछ समय पूर्व एक मोबाइल व जेवर भी बेचे थे तथा बातचीत के दौरान स्थानीय लोगों से आथिर्क तंगी की बात कही थी।

    संतोष कुमार सेनापति असफलता के चलते लंबे समय से नास्तिक हो गया था। वह मंदिरों में भी नहीं जाता था वह पूजा पाठ में भी शामिल नहीं होता था। जबकि उसकी बहिन धार्मिक प्रवत्ति पर विश्वास रखती थी।

    पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार का कहना है कि घटना के दिन ही बहन के साथ संतोष भविष्य बद्री मंदिर के बाहर खड़ा था। इस घटना में जांच के बाद जो तथ्य सामने आए हैं। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि आत्महत्या के लिए दोनों ने पहले जहर खाया और फिर कार में बहन को अंतिम संस्कार के इरादे से जलाया गया। फिर संतोष ने खाई में कूद मारकर आत्महत्या की।