मुफ्त में नहीं घूम सकेंगे औली की ढलान पर, अब देना होगा इतना शुल्क
अब आप औली की इंटरनेशनल स्कीइंग स्लोप पर न तो मुफ्त में घूम सकते हैं और न स्कीइंग ही कर सकते हैं। पर्यटन विभाग इसके लिए टैक्स वसूलेगा।
चमोली, जेएनएन। अब आप औली की इंटरनेशनल स्कीइंग स्लोप पर न तो मुफ्त में घूम सकते हैं और न स्कीइंग ही कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने इसके लिए कर वसूली का निर्णय लिया है। इसके तहत देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों को 500 रुपये और स्थानीय लोगों को 200 रुपये का शुल्क देना होगा। पर्यटन विभाग के इस फरमान से स्थानीय लोगों में आक्रोश है और उन्होंने आज औली बंद रखने का निर्णय लिया है।
अभी तक औली की स्कीइंग स्लोप पर घूमने व स्कीइंग करने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता था। मगर, अब पर्यटन विभाग ने एक आदेश जारी कर साफ किया है कि स्लोप पर घूमने या स्कीइंग करने की एवज में शुल्क वसूला जाएगा। इसके तहत स्थानीय लोगों के लिए 200 रुपये और पर्यटकों के लिए 500 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है।
इस संबंध में जीएमवीएन के महाप्रबंधक बीएल राणा का कहना है कि पर्यटकों व स्थानीय लोगों से लिया जाने वाला यह पैसा स्लोप की रेख-देख पर खर्च होगा। जबकि, जिला पर्यटन अधिकारी बृजेंद्र पांडे का कहना है कि औली में शुल्क वसूलने के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। हो सकता है कि निदेशालय स्तर से ऐसा निर्णय लिया गया हो।
उधर, पर्यटन विभाग के इस फरमान से स्थानीय लोगो व स्कीयरों में खासा रोष है। इंटरनेशनल स्कीयर विवेक पंवार का कहना है कि पर्यटन विभाग के इस फैसले से पर्यटन व्यवसाय पर असर पड़ेगा।
अगर यह फैसला वापस नहीं हुआ तो इसे लेकर आंदोलन किया जाएगा। पैनखंडा संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र सती ने फैसला तत्काल निरस्त करने की मांग उठाई है। दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने गुरुवार को औली में बैठक कर शुक्रवार को यहां स्लोप पर प्रदर्शन करने के साथ ही औली बंद रखने का निर्णय भी लिया।
स्थानीय लोगों को मिलता है रोजगार
औली में स्थानीय लोग पर्यटकों को स्कीइंग करना सिखाते हैं। इससे उन्हें अच्छी-खासी आय हो जाती है। देश-विदेश के पर्यटक भी बड़ी संख्या में इस स्लोप पर घूमने के लिए औली पहुंचते हैं। औली का दक्षिणमुखी स्लोप 1300 मीटर लंबा व 40 मीटर चौड़ा है। यह स्लोप फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल स्कीइंग के मानकों पर फिट बैठता है। यहां कृत्रिम बर्फ बनाने वाली मशीन लगाई भी गई है।
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