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    उत्तराखंड के खूबसूरत ट्रैक में से एक है ब्रह्मताल, बर्फबारी के बाद प्रकृति के दीदार को पहुंच रहे पर्यटक

    Updated: Thu, 08 Feb 2024 04:19 PM (IST)

    बीते दिनों चमोली जनपद के कुमाऊं सीमा से लगे देवाल के रूपकुंड आली-बगजी ब्रहमताल बुग्यालों में बर्फबारी से सैलानियों की आमद बढ़ने से रौनक है। देवाल स्थित ब्रहमताल अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। बारह साल बाद आयोजित नंदादेवी पैदल राजजात यात्रा के निर्जन पड़ाव सहित ऐतिहासिक मठ-मंदिरों के दर्शन को यूं तो वर्षभर यहां तीर्थयात्रियों की आमद होती है।

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    बर्फबारी के बाद ब्रह्मताल पहुंचे पर्यटक कर रहे प्रकृति का दीदार

    हेम चन्द्र मिश्रा, देवाल। बीते दिनों चमोली जनपद के कुमाऊं सीमा से लगे देवाल के रूपकुंड, आली-बगजी, ब्रह्मताल बुग्यालों में बर्फबारी से सैलानियों की आमद बढ़ने से रौनक है और व्यापारियों में भी उत्साह बना है।

    पर्यटन उद्योग से जुटे व्यापारियों का कहना है लाखों की लागत से होमस्टे तैयार किए लेकिन इस बार बारिश देर से होने और कम बर्फबारी होने से पर्यटकों की आवक कम रही लेकिन अब फिर से पर्यटक यहां तैयार होमस्टे और टेंट में रात्रि विश्राम को पहुंच रहे है।

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    देवाल स्थित ब्रहमताल अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। बारह साल बाद आयोजित नंदादेवी पैदल राजजात यात्रा के निर्जन पड़ाव सहित ऐतिहासिक मठ-मंदिरों के दर्शन को यूं तो वर्षभर यहां तीर्थयात्रियों की आमद होती है लेकिन बर्फबारी के बाद प्रकृति का दीदार करने के लिए सैलानियों के पहुंचने का क्रम जारी है।

    मुख्य पर्यटन स्थल ब्रह्मताल भेकलताल लोहाजंग, वेदनी, आली, बगजी में बर्फबारी का आनंद उठाने बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। पर्यटकों ने ब्रह्मताल ट्रेक को बेहत्तर स्थल बताया है।

    देवाल विकास के मुख्य पर्यटन स्थल ब्रह्मताल समुद्रतल से 11हजार फीट की ऊंचाई पर एक किलो मीटर परिधि में बसा है। बहुत सुंदर व आकर्षक है।

    सफेद चादर से ढका बुग्याली क्षेत्र

    बीते दिनों बर्फबारी से पूरे बुग्याली क्षेत्र सफेद चादर से ढका है। लगातार महाराष्ट्र, दिल्ली , बंगलूर, चीनी, मद्रास, राजस्थान, केरल, बंगाली पर्यटन इन क्षेत्रों में पहुंच कर बर्फ का लुप्त उठाने पहुंच रहे है बंगलूर से पहचे पर्यटक अंकुर केवटव शिवा विनय, अनिरूद्ध ने बताया कि पिछले तीन दिन से ब्रह्मताल ट्रेक पर है और यहां की प्राकृतिक छटा के हम यहां के मुरीद हो गए है।अब यहां से जाने की इच्छा नहीं कर रही है।

    वादियों को देख मंत्रमुग्ध हो जा रहे पर्यटक

    ऋषिकेश से कर्णप्रयाग थराली देवाल से हिल स्टेशन लोहाजंग व अंतिम गांव वाण तक वाहन से पहुंचा जा सकता हैं। वहीं हल्द्वानी से ग्वालदम देवाल से वाहन से लोहाजंग पर्यटक पहुंचते है फिर लोहाजंग में पैदल 8 किमी ब्रह्मताल का ट्रैक है। वाण से 12 किमी पैदल चल कर आली, वेदनी बुग्याल का सफर भी रोमांचित करता है।

    हिमालयन टैंकर्स के गाइड सुरेन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया है कि पर्यटन यहां की वादियों को देख कर मंत्रमुग्ध हो जा रहे हैं। देवाल क्षेत्र में इंडिया हैंक्स, टीडीएस, विकट एडवेंचर, नोमैड कम्पनी पर्यटकों को क्षेत्र का भ्रमण कराती है यहां के पर्यटन स्थलों की जानकारी देता है अब तक वे पांच सौ से अधिक पर्यटकों को यहां ला चुके है।

    क्या कहते अधिकारी

    देवाल के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलो में अच्छी खासी बर्फ पड़ी है। बर्फ का लुप्त उठाने के लिए फरवरी में 150 से अधिक पर्यटक यहां पहुंचे हैं। पर्यटक को ब्रह्मताल व वेदनी खुब पसंद है लेकिन तीर्थयात्रियों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जा रहा है और बुग्यालों में प्लास्टिक कचरा करने पर जुर्माने का भी प्राविधान है।

    - हरीश थपलियाल वन क्षेत्राधिकारी पूर्वी पिंडर रेंज देवाल।

    पर्यटन के साथ धार्मिक दृष्टि से समूचा क्षेत्र विशेष महत्व रखता है और यहां पहुंचने वाले पर्यटकों से प्लास्टिक कचरे को अपने साथ वापस लाने के लिए जागरूक किया जा रहा है साथ ही हिमालयन क्षेत्र में जैविक विविधता कायम रहे इसके लिए जड़ीबूटी का दोहन न होने इसके लिए विशेष चैकिंग अभिान भी वन विभाग संचालित कर रहा है। वन तस्करों पर विभाग की टीम पैनी नजर बनाए है।

    - टीएस बिष्ट पूर्व डिप्टी रेंजर पर्यावरण विद वाण देवाल

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