उत्तराखंड के 'मिनी स्विट्जरलैंड' की खूबसूरती के कायल हैं दुनियाभर के पर्यटक, लेकिन यह समस्या लगा रही दाग
Uttarakhand Mini Switzerland Auli उत्तराखंड के मिनी स्विट्जरलैंड औली की खूबसूरती के कायल दुनियाभर के पर्यटक हैं लेकिन पार्किंग की समस्या इस खूबसूरत पर्यटन स्थल पर दाग लगा रही है। औली में पार्किंग की समस्या का समाधान न होने से भविष्य में जाम का बदनुमा दाग लग सकता है। सिंगल सड़क साथ में बर्फ ऐसे में जाम की स्थिति दिनभर रहती है।

संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर। Uttarakhand Mini Switzerland Auli: औली में वर्ष 2025 को 29 जनवरी से दो फरवरी तक नेशनल विंटर गेम्स आयोजित होने हैं। इसके अलावा शीतकालीन पर्यटन के लिए भी औली गौरसों का दीदार करने के लिए प्रतिवर्ष पर्यटकों की भीड़ बढ़ रही है।
लेकिन औली में पार्किंग न होने से जाम की समस्या मानौ विरासत बन गई हो, हालांकि औली में खाली जगह पर वाहनों को खड़ा कर पार्किंग समस्या का हल निकालने का प्रयास किया जाता रहा है। लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
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औली में नए वर्ष पर नेशनल विंटर गेम्स का आयोजन होना है। इस बडे़ आयोजन को लेकर देश विदेश से खिलाडि़यों पर्यटकों की भीड़ होनी स्वभाविक है। यह औली के लिए शुभ संकेत हैं। लेकिन औली में पार्किंग एक दशक से बड़ी समस्या के रुप में उभर रही है।
2022 के बाद तो समस्या और भी बढ़ गई
प्रतिवर्ष पर्यटक वाहनों की संख्या बढ़ रही है । वर्ष 2022 के बाद तो समस्या और भी बढ़ गई है। दरअसल जोशीमठ आपदा के चलते जोशीमठ औली रोपवे बंद पड़ा है। स्थिति यह है कि अब औली आने के लिए एक मात्र सड़क मार्ग ही साधन है। ऐसे में वाहनों की भीड़ पर्यटकों के आने से स्वभाविक है। परंतु जिस बड़े स्तर पर पार्किंग की आवश्यकता औली में है वह उपलब्ध नहीं है।
वर्तमान समय में औली में 100 से अधिक छोटे बडे़ वाहनों की पार्किंग की आवश्यकता प्रतिदिन के लिए है। लेकिन जो स्थाई पार्किंग खाली पड़ी जमीन पर पर्यटन विभाग के पास उपलब्ध है। उसमें 20 वाहन भी मुश्किल से खडे़ हो पाते हैं। ऐसे में सड़क किनारे वाहनों के खड़ा करना चालकों की मजबूरी है।
दिनभर रहती है जाम की स्थिति
सिंगल सड़क साथ में बर्फ ऐसे में जाम की स्थिति दिनभर रहती है। जाम से निजात पाने के लिए पर्यटकों वाहन चालकों को पसीना बहाना पड़ता है। औली में नगर पालिका परिषद जोशीमठ द्वारा वर्ष 2020-21 में बहुमंजिले पार्किंग की कार्ययोजना भेजी थी। इसमें 100 से अधिक वाहनों के खड़े होने की क्षमता होनी थी। लेकिन इसकी कार्ययोजना शासन को गई जो लौट के अभी तक नहीं आई है।
वर्ष 2019 में औली में एक उद्योगपति के बेटे की शादी समारोह के दौरान भी पार्किंग समस्या सामने आई थी ।तब चर्चित उद्योगपति द्वारा नगर पालिका को बहुमंजिले पार्किंग के लिए धनराशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था लेकिन यह वायदा भी हवा हवाई साबित हुआ है।
पर्यटन विकास के लिए जिस प्रकार होटलों होम स्टे का विस्तार हुआ उससे भी पर्यटक भी औली की बर्फीली ढलानों में रहना पसंद कर रहे हैं। अधिकत्तर होम स्टे होटल सीढ़ीनुमा पहाडि़यों में होने के चलते वहां तक जाने के लिए पगडंडियां ही हैंं। ऐसे में औली में पार्किंग सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रही है, जिसका समाधान न होने से भविष्य पर औली में जाम का बदनुमा दाग लग सकता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
औली में नेशनल गेम्स को लेकर प्रशासन व्यवस्थाओं को लेकर जल्द ही बैठक कर रहा है। औली में पार्किंग व्यवस्था के स्थाई समाधान को लेकर कार्ययोजना बनाई जाएगी। फिलहाल शीतकाल में पर्यटक वाहनों को खडे़ करने के लिए भी अस्थाई व्यवस्था अमल में लाई जाएगी। - संदीप तिवारी, जिलाधिकारी चमोली
क्या कहते हैं स्थानीय
औली गौरसों में प्रतिवर्ष शीतकालीन पर्यटन बढ़ रहा है। हालांकि यहां पर वर्ष भर पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती है। पार्किग सुविधा को लेकर औली में दिक्कतें बार बार सामने आती है। लिहाजा इसका स्थाई समाधान इस विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के लिए जरुरी है। - अजय भट्ट, होटल कारोबारी औली
औली में पार्किंग सुविधा की दिक्कतें हैं। जाम की समस्या भी शीतकाल में पर्यटकों के बढ़ने के दौरान होती है। पूर्व में कार्ययोजना बनाकर शासन को भेजी गई थी लेकिन उस पर धनराशि स्वीकृत न होने से निर्माण नहीं हो पाया। इसके लिए औली में नगर पालिका परिषद द्वारा भूमि का चयन भी किया गया था। - शैलेंद्र पंवार, निर्वतमान अध्यक्ष जोशीमठ नगर पालिका
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