घोटाले का खुलासा: सरकारी जमीन को निजी दिखाकर बना दिया तालाब, ग्रांट भी हड़पी
गोपेश्वर के ल्वाणी गांव में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत मत्स्य तालाब निर्माण में गड़बड़ी सामने आई है। जांच में पाया गया कि एक ग्रामीण ने निजी जमीन बताकर सरकारी जमीन पर तालाब बनाया और अनुदान भी हड़प लिया। जांच कमेटी ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें सरकारी धन के दुरुपयोग की पुष्टि हुई है। इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा सकती है।

संवाद सहयोगी, जागरण गोपेश्वर। विकासखंड देवाल के ग्राम ल्वाणी में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत मत्स तालाब निर्माण को लेकर हुए विवाद में डीएम द्वारा बनाई गई जांच कमेटी में तालाब निर्माण के लिए प्रस्तावित भूमि के बजाए ग्रामीण द्वारा सरकारी जमीन में बनाए जाने की पुष्टि हुई है। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित की है।
गौरतलब है कि ल्वाणी गांव में वर्ष 2022 मेें राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत ग्रामीणों को स्वरोजगार के लिए मत्स तालाब निर्माण को लेकर कार्ययोजना प्रस्तावित की गई थी। इस कार्ययोजना में गांव के खड़क सिंह ने भी आवेदन किया था। शिकायत थी कि इस योजना में ग्रामीण द्वारा अपनी नाम भूमि के जो दस्तावेज लगाए गए थे तालाब निर्माण उसमें किए जाने के बजाए सरकारी भूमि में हुआ है। पूर्व जिलाधिकारी ने इस मामले में गांव के ही निवासी विरेंद्र सिंह की शिकायत पर उप जिलाधिकारी थराली व मुख्य कृषि अधिकारी गोपेश्वर को जांच सौंपी थी।
बताया गया कि जांच टीम ने मौके पर निरीक्षण के साथ भूमि दस्तावेजों का अवलोकन करने के साथ संबंधित ग्रामीण के भी बयान दर्ज किए हैं। जांच में पाया गया कि जिस भूमि पर तालाब बनने थे उसके बजाए तालाब सरकारी भूमि पर निर्मित हुए हैं। इस कार्ययोजना में संबंधित ग्रामीण को पचास प्रतिशत अनुदान की राशि के रूप में छ: लाख पिचत्तर हजार का भुगतान भी किया गया है। जांच टीम द्वारा जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी गई है।
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