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    उत्तराखंड विधानसभा में गूंजा खाताधारकों की परेशानी का मुद्दा

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sat, 19 Nov 2016 06:55 AM (IST)

    विधानसभा सत्र के अंतिम दिन सदन में 1507 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट समेत 21 विधेयक भी पारित हुए, जबकि एक विधेयक वापस लिया गया। सदन में पांच संकल्प प्रस्ताव भी पारित किए गए।

    गैरसैंण, [राज्य ब्यूरो]:जिला सहकारी बैंकों में जमा 500 व 1000 के पुराने नोट बदलने पर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से लगाई गई पाबंदी से उत्तराखंड में इन बैंक शाखाओं से जुड़े 12 लाख से अधिक खाताधारकों को हो रही परेशानी का मुद्दा विधानसभा में उठा। इस संबंध में सरकार की ओर से सदन में संकल्प पेश कर केंद्र सरकार से आग्रह किया गया कि वह इस मानक से छूट देकर सहकारी बैंकों और जनमानस की दिक्कत को तुरंत दूर करे। इस संकल्प को ध्वनिमत से पारित किया गया।
    विपक्ष द्वारा सत्र के पूर्ण बहिष्कार के ऐलान के बाद विपक्ष की गैर मौजूदगी में सहकारिता मंत्री यशपाल आर्य ने संकल्प पेश करते हुए कहा कि जिला सहकारी बैंकों में न तो लोग पैसा जमा करा पा रहे हैं और न पुराने नोट ही बदले जा रहे हैं।

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    ऐसे में पर्वतीय इलाकों में लोगों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वहां बैंकिंग का मुख्य साधन जिला सहकारी बैंकों की 267 शाखाएं और इनसे संबद्ध 758 मिनी बैंक, पैक्स समितियां ही हैं।
    यही नहीं, सर्वाधिक परेशानियां किसानों को हो रही हैं, जो ऋण की अदायगी समेत अन्य देयकों का भुगतान करना चाहते हैं। साथ ही, आरबीआइ के फैसले से जिला सहकारी बैंक और मिनी बैंकों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। चर्चा में भाग लेते हुए कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने कहा कि इससे न सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सामने संकट खड़ा हो गया है।

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    विधेयक, सरकारी प्रत्याभूति की अधिकतम परिसीमा विधेयक, चिकित्सा व चयन बोर्ड (संशोधन) विधेयक, अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक, राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, साहूकारी विनियमन (संशोधन) विधेयक, क्वांटम विश्वविद्यालय विधेयक, परिवहन और नागरिक अवस्थापना उपकर (संशोधन) विधेयक, निक्षेपक (जमाकर्ता) हित संरक्षण (वित्तीय अधिष्ठानों में) (संशोधन) विधेयक, कृषि उत्पाद मंडी विकास एवं विनियमन (द्वितीय संशोधन) विधेयक, विद्यालयी शिक्षा (संशोधन) विधेयक, राज्य किसान आयोग विधेयक व नदी तटीय विकास प्राधिकरण विधेयक शामिल रहे।

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    अनुपूरक बजट समेत 21 विधेयक पारित
    विधानसभा सत्र के अंतिम दिन सदन में 1507 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट समेत 21 विधेयक भी पारित हुए, जबकि एक विधेयक वापस लिया गया। सदन में पांच संकल्प प्रस्ताव भी पारित किए गए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
    सत्र के दूसरे दिन सदन में विपक्ष भाजपा की अनुपस्थिति के कारण प्रश्नकाल नहीं हो पाया। सरकार ने विपक्षी की गैरमौजूदगी में ही अनुपूरक बजट समेत 21 विधेयक पारित कर दिए। पारित विधेयकों में अग्निशमन एवं आपात सेवाएं अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा विधेयक, सरदार भगवान सिंह विश्वविद्यालय उत्तराखंड विधेयक, भगवंत ग्लोबल विश्वविद्यालय विधेयक, जिला योजना समिति (संशोधन) विधेयक, मदरसा शिक्षा परिषद (संशोधन) विधेयक, जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था (संशोधन) विधेयक, ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, श्री गुरू रामराय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, सरकारी प्रत्याभूति की अधिकतम परिसीमा विधेयक, चिकित्सा व चयन बोर्ड (संशोधन) विधेयक, अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक, राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, साहूकारी विनियमन (संशोधन) विधेयक, क्वांटम विश्वविद्यालय विधेयक, परिवहन और नागरिक अवस्थापना उपकर (संशोधन) विधेयक, निक्षेपक (जमाकर्ता) हित संरक्षण (वित्तीय अधिष्ठानों में) (संशोधन) विधेयक, कृषि उत्पाद मंडी विकास एवं विनियमन (द्वितीय संशोधन) विधेयक, विद्यालयी शिक्षा (संशोधन) विधेयक, राज्य किसान आयोग विधेयक व नदी तटीय विकास प्राधिकरण विधेयक शामिल रहे।

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