देवराड़ा सिद्धपीठ प्रवास के बाद नंदा की डोली कुरूड़ घाट रवाना
छह महीने नंदा सिद्धपीठ देवराड़ा-थराली में प्रवास के बाद मां नंदा राजराजेश्वरी की उत्सव डोली पौष पूर्णिमा के पावन पर्व पर सिद्धपीठ कुरूड़ (घाट) के लिए रवाना हो गया।
संवाद सूत्र, थराली: छह महीने नंदा सिद्धपीठ देवराड़ा-थराली में प्रवास के बाद मां नंदा राजराजेश्वरी की उत्सव डोली पौष पूर्णिमा के पावन पर्व पर सिद्धपीठ कुरूड़ (घाट) के लिए रवाना हो गया। इस मौके पर देवी भक्तों ने ईष्ट देवी मां नंदा को श्रृंगार सामग्री के साथ विदाई दी। विदाई के अवसर पर देव पश्वा अवतरित हुए और ध्याणियों को आर्शीवाद दिया। इस दौरान रिमझिम बारिश के बीच मौसम खुशनुमा बना रहा।
कुरूड़ मंदिर समिति के अध्यक्ष मंशा राम गौड़ ने बताया कि नंदा देवी लोकजात यात्रा 25 अगस्त 2020 को संपन्न होने के बाद एक सितंबर को राजराजेश्वरी नंदा भगवती की उत्सव डोली थराली के नंदा सिद्धपीठ देवराड़ा मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हुई थी। यहां छह माह के प्रवास के बाद पौष मास की पूर्णिमा पर अगले छह माह के प्रवास को कुरूड़ स्थित नंदा सिद्धपीठ के लिए देवी रवाना हुई। सुबह छह बजे सिद्धपीठ के मंदिर गर्भगृह में पूजा-अर्चना शुरू हुई। इसके बाद नौ बजे देवी के जयकारों के साथ उत्सव डोली को गर्भगृह से बाहर निकाल मंदिर के प्रांगण में रखा गया। यहां देवी भक्तों ने नंदा की पूजा कर मनौती मांगी। 10 बजे देवी की उत्सव डोली अपने प्रथम पड़ाव भेंट को रवाना हुई। इस दौरान धनी राम, योगंबर गौड़, अनूसूया प्राद, देवराड़ा मंदिर समिति अध्यक्ष भुवन हटवाल, लोल्टी मंदिर समिति अध्यक्ष धनराज सिंह, सुरेंद्र खाती, अनिल देवराड़ी ने पूजा में योगदान दिया।
इसके बाद देवी डोली दोपहर भोजन पर भेंटा गांव पहुंची। आगामी 13 जनवरी को घाट विकासखंड के सेंती गांव में लक्ष्मीनारायण मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद उत्सव डोली की यात्रा शिव मंदिर घाट होते हुए उसी दिन कुरूड़ गांव पहुंचेगी। यहां विधि-विधान से नंदा की डोली छह माह प्रवास के लिए नंदा के सिद्धपीठ में विराजमान हो जाएगी, जहां से अगली बार नंदा देवी लोकजात यात्रा 2021 शुरू होगी।