फूलों की घाटी में निरीक्षण के लिए नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की टीम रवाना
फूलों की घाटी में शीतकाल के दौरान हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की टीम घाटी के लिए रवाना हो गई।
जोशीमठ (चमोली), [जेएनएन]: विश्व धरोहर फूलों की घाटी में शीतकाल के दौरान हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की टीम घाटी के लिए रवाना हो गई। इससे पहले भी दो बार वन विभाग की टीम फूलों की घाटी के लिए रवाना हुई थी, मगर घांघरिया में भारी-भरकम हिमखंडों के चलते टीम यहां से आगे नहीं पहुंच पाई।
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि आगामी एक जून से फूलों की घाटी को पर्यटकों के लिए खोला जाना है। इसी के मद्देनजर नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के वन क्षेत्राधिकारी शंकर दत्त जोशी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम को घाटी के लिए रवाना किया गया है। यह टीम तीन दिन वहां रहकर शीतकाल के दौरान घाटी में हुई क्षति का आकलन करेगी।
यह भी देखा जाएगा कि शीतकाल में फूलों की घाटी जाने वाले पैदल मार्ग व पुल को कितना नुकसान पहुंचा और वर्तमान में वहां कितने हिमखंड हैं। इसी के बाद वन विभाग की टीम घाटी में क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की मरम्मत के लिए जाएगी।
बता दें कि नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की टीम पहले भी दो बार क्षति का आकलन करने के लिए जा चुकी है। लेकिन, घाटी के प्रवेश द्वार घांघरिया में भारी-भरकम हिमखंड पड़े होने के कारण टीम यहां से आगे नहीं बढ़ पाई।
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