Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीएम की अपील पर बदरीनाथ में मौनी बाबा ने तोड़ा अनशन

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Fri, 04 Jun 2021 08:50 AM (IST)

    बदरीनाथ मंदिर में नित्य दर्शनों की मांग को लेकर अनशन कर रहे धर्मराज भारती उर्फ मौनी बाबा और भगवत दास उर्फ ब्रह्मचारी बाबा ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अपील पर अपना आंदोलन समाप्त कर दिया।

    Hero Image
    सीएम की अपील पर बदरीनाथ में मौनी बाबा ने तोड़ा अनशन।

    संवाद सहयोगी, गोपेश्वर। बदरीनाथ मंदिर में नित्य दर्शनों की मांग को लेकर अनशन कर रहे धर्मराज भारती उर्फ मौनी बाबा और भगवत दास उर्फ ब्रह्मचारी बाबा ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अपील पर अपना आंदोलन समाप्त कर दिया। गुरुवार देर शाम मंदिर के आगे दोनों को धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल ने मुख्यमंत्री व पर्यटन मंत्री की अपील सुनाई और उनकी ओर से माला पहनाकर अनशन समाप्त करवाया। इससे पूर्व, मौनी बाबा ने एलान किया था कि उनका अनशन जारी है। बुधवार को उनके मंदिर के बाहर प्रसाद स्वरूप चरणामृत ग्रहण करने के बाद देवस्थानम बोर्ड के कर्मचारियों समेत पुलिस ने अनशन टूटने की बात प्रचारित कर दी थी। जो कि पूरी तरह निराधार है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मौनी बाबा और ब्रह्मचारी बाबा बीती 23 मई से बदरीनाथ धाम स्थित अपने-अपने आश्रम में अनशन कर रहे थे। मौनी बाबा ने तो बीते सोमवार से जल का भी त्याग कर दिया था। गुरुवार सुबह जारी एक वीडियो संदेश में मौनी बाबा ने कहा था कि वे रोजाना मंदिर में दर्शनों के बाद ही अन्न ग्रहण करते आ रहे हैं। यह उनकी तपस्या का हिस्सा है, जिसे वे खंडित नहीं होने देंगे। कहा था कि मंदिर में दर्शनों की अनुमति मिलने तक वे अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगे। लेकिन, देर शाम दूरभाष पर मुख्यमंत्री व पर्यटन मंत्री की अपील के बाद दोनों ने अपनी हठ त्याग दी।

    विदित हो कि बदरीनाथ में चल रहे दोनों साधुओं के समर्थन में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि समेत तमाम संत उतर आए थे। गुरुवार को देश के प्रमुख संतों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में उन्होंने कहा कि इस घटना से संतों में सरकार के खिलाफ भारी नाराजगी है। अनशन पर बैठे संतों को अगर अविलंब दर्शनों का अधिकार नहीं मिला तो इसके विरुद्ध उग्र आंदोलन किया जाएगा।

    स्वामी यतींद्रानंद के अनुसार उन्होंने सरकार से बातचीत कर संतों के अनशन को समाप्त कराने का निवेदन किया था। तब बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल और देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह की ओर से उन्हें आश्वस्त किया गया कि संतों को मंदिर में दर्शनों का अधिकार देकर उनका अनशन समाप्त करा दिया जाएगा। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने धर्माधिकारी व बोर्ड के अपर मुख्य कार्याधिकारी पर असत्य जानकारी का आरोप लगाया।

    बताया कि अनशनरत संतों को समर्थन देने वालों में आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद, महानिर्वाणी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोखानंद राजगुरु, सुमेरू पीठाधीश्वर नरेंद्रानंद सरस्वती, अखिल भारतीय संत समिति के उपाध्यक्ष एवं कालका पीठ दिल्ली के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत, महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी हृदयानंद गिरि, महामंडलेश्वर साध्वी मैत्री गिरि, महामंडलेश्वर हेमा सरस्वती (कोटा-राजस्थान), महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वर आनंद (जबलपुर), महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद, स्वामी ऋषिस्वरानंद, श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नारायण गिरि, हठयोगी बाबा बलराम दास, महामंडलेश्वर नवल गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि, महामंडलेश्वर प्रेमानंद, मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद शामिल हैं।

    यह भी पढ़ें-Badrinath Dham: बदरी विशाल के दर्शनों से रोका तो साधु ने शुरू किया अनशन, कही ये बात

    Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें