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    Joshimath: 500 से ज्यादा मकानों में दरार, गुस्साए लोगों ने किया बद्रीनाथ हाईवे जाम; सरकार के खिलाफ नारेबाजी

    By Jagran NewsEdited By: Manish Negi
    Updated: Thu, 05 Jan 2023 11:06 PM (IST)

    उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ के हजारों लोगों में दहशत है। सैकड़ों मकानों में दरारें आ गई हैं। भूधंसाव का दायरा भी बढ़ रहा है। लोग सुरक्षित ठिकानों की ओर भाग रहे हैं। सीएम धामी जल्द इलाके का दौरा करेंगे।

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    Joshimath: जोशीमठ में 500 से ज्यादा मकानों में दरारें

    जोशीमठ, ऑनलाइन डेस्क। उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने और घरों की दीवारों में दरार आने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। भूधंसाव का दायरा बढ़ने से स्थानीय लोग दहशत में हैं। लोग डर के साए में जीने को मजबूर है। उधर, स्थानीय लोगों की सरकार को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है। लोगों का विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है।

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    बद्रीनाथ हाईवे जाम

    भूधंसाव को लेकर गुरुवार को प्रभावितों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने बद्रीनाथ हाईवे जाम कर दिया है। जाम की वजह से गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई है। इसके अलावा लोकल बाजारों को भी बंद कर दिया गया है। लोगों ने अब चक्का जाम का एलान किया है। इससे पहले बीती शाम बड़ी संख्या में लोगों ने मशाल जलाकर विरोध प्रदर्शन भी किया।

    जोशीमठ का दौरा करेंगे सीएम धामी

    सीएम धामी जल्द ही जोशीमठ का दौरा भी करेंगे। धामी ने कहा, "मैं कुछ दिनों में जोशीमठ का दौरा करूंगा। स्थिति को संभालने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। मैंने स्थिति की निगरानी के लिए नगर निगम के अध्यक्ष शैलेंद्र पवार से बात की है।"

    8 सदस्यों की समिति गठित

    धामी ने इस क्षेत्र के दोबारा अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की आठ सदस्यीय टीम गठित की है। यह टीम गुरुवार से जोशीमठ में डेरा डालेगी और दो दिन तक भूधंसाव वाले क्षेत्रों का निरीक्षण करेगी। साथ ही समस्या के समाधान के लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक उपायों के दृष्टिगत सरकार को सुझाव देगी।

    क्या कहती है पुरानी रिपोर्ट?

    राज्य सरकार ने बीते साल अगस्त में भी विशेषज्ञों के दल को जोशीमठ भेजा था। दल ने सितंबर में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। रिपोर्ट में बताया गया कि जोशीमठ मुख्य रूप से पुराने भूस्खलन क्षेत्र के ऊपर बसा है। ऐसे क्षेत्रों में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था न होने की स्थिति में भूमि में समाने वाले पानी के साथ मिट्टी बहने से कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। रिपोर्ट में जोशीमठ में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था करने, अलकनंदा नदी से हो रहे भूकटाव की रोकथाम को कदम उठाने, नालों का चैनलाइजेशन व सुदृढ़ीकरण करने, धारण क्षमता के अनुरूप निर्माण कार्यों को नियंत्रित करने के सुझाव दिए गए थे।

    3 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित

    नगर निगम के चेयरमैन शैलेंद्र पवार ने कहा कि मारवाड़ी वार्ड में जमीन के अंदर पानी का रिसाव होने से घरों में दरारें आ गईं। उन्होंने बताया कि जोशीमठ के 576 घरों के 3 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, "नगर पालिका द्वारा सभी घरों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। कई लोगों ने अपना घर भी छोड़ दिया है।"

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