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    Hemkund Sahib Yatra: यात्रियों ने जिलाधिकारी को भेजी VIDEO तो तब खुली पोल, रातों-रात हो गया इंतजाम

    हेमकुंड यात्रा मार्ग पर जल संस्थान के दावों की पोल खुल गई जब यात्रियों को पेयजल नहीं मिला। जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद रातों-रात व्यवस्था सुधारी गई। यात्रा शुरू होने से पहले जल संस्थान ने सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त होने का दावा किया था लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही थी। कुछ स्टैंड पोस्ट बर्फ से ढके होने के कारण अभी भी ठीक नहीं किए जा सके हैं।

    By Devendra rawat Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Tue, 27 May 2025 06:43 PM (IST)
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    घांघरिया से हेमकुंड के बीच किमी एक में शुद्ध पेयजल के लिए लगाया गया सार्वजनिक नल व चरी । जागरण

    संवाद सहयोगी, गोपेश्वर। हेमकुंड यात्रा मार्ग पर बेस कैंप घांघरिया से हेमकुंड के बीच यात्रियों को शुद्ध पेयजल पहुंचाने व शौचालयों में पानी शुरु करने को लेकर जल संस्थान के दावों की पोल कपाट खुलने के बाद तीर्थयात्रियों ने खोल दी है।

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    स्टेंड पोस्टों पर पानी सुचारु न होने की वीडियो जब जिलाधिकारी तक पहुंची तो तब सच्चाई सामने आ गई। जिलाधिकारी ने कठोर रुख के बाद रातों रात जल संस्थान को यात्रा मार्ग पर पेयजल सुचारु करने के निर्देश दिए जिसके बाद रातों रात जल संस्थान ने पेयजल सुचारु कर दिया है।

    25 मई को हेमकुंड के कपाट खुले। यात्रियों की सुविधा के लिए घांघरिया से हेमकुंड तक छ: किमी क्षेत्र में शुद्ध पेयजल के लिए पांच सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट के साथ घोडे खच्चरों को पानी पीने के लिए चरी बनाए गए हैं। वहीं इस छ: किमी क्षेत्र में तीन शौचालय जो कि किमी एक में दूसरा छोटा अटलाकोटी व तीसरी बडी अटलाकोटी में बनाई गई है। 

    बताया गया कि यात्रा तैयारियों से पूर्व जल संस्थान द्वारा प्रशासन को सभी शौचालयों व स्टैंड पोस्टों पर पेयजल सुचारु करने का दावा किया गया था। जल संस्थान के अधिकारियों की रिपोर्ट को प्रशासन ने सही मान भी लिया था। लेकिन यात्रा शुरु हुई तो इन स्टैंड पोस्टों ,शौचालयों व चरियों में पानी सुचारु ही नहीं था। बताया गया कि यात्रियों ने इसका वीडियो बनाकर जिलाधिकारी डॉ संदीप तिवारी को भेज दिया गया।

    जिलाधिकारी को मौके की वास्तविकता पता लगने पर उन्होंने जल संस्थान के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए तत्काल पानी सुचारु करने को कहा। अब स्थिति यह है कि रातों रात पांच में से तीन स्टैंड पोस्टों व तीनों शौचालयों में पानी सुचारु हो गया है।

    बताया गया कि दो स्टैंड पोस्ट बर्फ क्षेत्र में होने के चलते बर्फ पिद्यलने के बाद ही स्रोत से पेयजल सुचारु किया जाएगा। इन नलों पर पानी न आने व चरियों में पानी न होने से यात्रियों को दिक्कतें होनी स्वभाविक थी, पूरे क्षेत्र में पानी के प्राकृतिक स्रोत भी पैदल मार्ग पर नहीं है। वहीं घोडे खच्चरों को खडी चढ़ाई के इस रास्ते में पानी की सुविधा न होने से दिक्कतें होनी स्वभाविक है। 

    जल संस्थान के अधिशासी अधिकारी सुशील कुमार सैनी ने कहा कि यात्रा तैयारियों के दौरान इन शौचालयों व स्टैंड पोस्टों पर पानी सुचारु किया गया था लेकिन यह क्षतिग्रस्त हो गए थे। जिससे दुबारा सुचारु कर दिया गया है। उन्होंने कहा अटलाकोटी से हेमकुंड के बीच दो स्टैंड पोस्ट बर्फ से दबे होने के चलते बर्फ पिद्यलने के बाद पेयजल सुचारु किया जाएगा।