हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे निर्माण की कवायद शुरू, भूमि अधिग्रहण को लेकर हुई चर्चा
चमोली जिले में हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर की यात्रा को सरल बनाने के लिए रोपवे निर्माण की कवायद शुरू हो गई है। गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किमी लंबे रोपवे का निर्माण होगा। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में भूमि अधिग्रहण को लेकर चर्चा हुई। इस परियोजना से तीर्थयात्रियों की 19 किमी की खड़ी चढ़ाई आसान हो जाएगी और यात्रा आरामदायक होगी।

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर। चमोली जिले में समुद्रतल से 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर की यात्रा को सुगम बनाने के लिए रोपवे निर्माण की कवायद शुरू हो गई है। केंद्र की पर्वतमाला परियोजना के तहत गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किमी लंबे रोपवे का निर्माण होना है।
गुरुवार को जिलाधिकारी संदीप तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में परियोजना निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करने के साथ ही भूमि अधिग्रहण को लेकर भी चर्चा हुई।
जिलाधिकारी ने बताया कि गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे निर्माण के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के साथ अनुबंध किया गया है।
अब रोपवे के लिए भूमि अधिग्रहण किया जाना है, जिसे लेकर एनएचएलएमएल के अधिकारियों की ओर से प्रेजेंटेशन दी गई। इस पर जिलाधिकारी ने निर्माणदायी कंपनी को परियोजना निर्माण क्षेत्र में पड़ने वाले सामाजिक और पारिस्थितिक प्रभाव की आकलन रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए।
ताकि परियोजना का निर्माण सुगमता से किया जा सके। बैठक में रोपवे विशेषज्ञ नितेश कुमार ने बताया कि रोपवे का डिजाइन ट्रैक्टबेल इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड की ओर से तैयार किया गया है। 2,730.13 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना पर छह स्टेशन बनाए जाएंगे।
रोपवे से एक घंटे की समयावधि में 1,100 तीर्थयात्री हेमकुंड जा सकेंगे। परियोजना को पारिस्थितिकी तंत्र के अनुकूल बनाया गया है। योजना का निर्माण सभी सुरक्षा मानकों ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
बैठक में अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, जिला पर्यटन अधिकारी बृजेंद्र पांडे, भूमि अधिग्रहण विशेषज्ञ सईद, वन विशेषज्ञ आकाश अलकानिया आदि मौजूद रहे।
विदित हो कि वर्तमान में हेमकुंड साहिब जाने के लिए तीर्थयात्रियों को गोविंदघाट से 19 किमी की खड़ी चढ़ाई पैदल तय करनी पड़ती है। घांघरिया हेमकुंड साहिब का बेस कैंप है, यहां से हेमकुंड की दूरी छह किमी है। रोपवे के बनने से तीर्थ यात्रियों की राह बहुत आसान हो जाएगी।
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