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    2027 में कांग्रेस की सरकार आई तो गैरसैंण को बनाएंगे स्थायी राजधानी: हरीश रावत

    हरीश रावत ने ऐलान किया है कि अगर 2027 में कांग्रेस की सरकार आई तो गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाया जाएगा। उन्होंने गैरसैंण की दुर्दशा पर सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई और कहा कि भाजपा सरकार ने ग्रीष्मकालीन राजधानी के नाम पर सिर्फ घोषणाएं की हैं लेकिन कोई काम नहीं किया है। रावत ने कहा कि कांग्रेस ने गैरसैंण के लिए कई काम किए थे।

    By Dinesh thapaliyal Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Wed, 21 Aug 2024 08:35 PM (IST)
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    उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (फाइल फोटो)। जागरण

    संवाद सहयोगी, जागरण, गैरसैंण। ग्रीष्मकालीन राजधानी ढूंढने गैरसैंण पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चुटकीले अंदाज में एक ओर सरकार पर जमकर तंज कसे तो दूसरी ओर गैरसैंण की दुर्दशा पर सरकार को जमकर खरी-खोटी भी सुनायी।

    गैरसैंण रामलीला मैदान पर कांग्रेस की ओर से आयोजित धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल होकर पूर्व सीएम ने एक घंटे का मौन उपवास रखने के बाद मोमबत्ती जलाकर बाजार में जुलूस निकाल ग्रीष्मकालीन राजधानी को ढूंढने का संदेश दिया।

    हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस ने मोमबत्ती जलाकर पूरे बाजार में कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान लोगों से अपने अंदाज में पूर्व सीएम ने तंज कसा कि, वे ग्रीष्मकालीन राजधानी को ढूंढने के लिए मोमबत्ती लेकर निकले हैं।

    वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद मोमबत्ती जलाकर चंद्र सिंह गढ़वाली चौराहे से पूरे बाजार में मोमबत्ती जलाकर निकले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारे लगाकर पूछा, 'कख छ मुख्यमंत्री जी ग्रीष्मकालीन राजधानी..(कहां है मुख्यमंत्री जी ग्रीष्मकालीन राजधानी).' जिस पर लोगों ने जमकर ठहाके लगाए और पूर्व सीएम जनता से संवाद करने चाय की दुकान पर भी पहुंचे। वहां चाय की चुस्की के साथ लोगों से गैरसैंण को लेकर सरकार के काम की गणना कांग्रेस कार्यकाल से की।

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    धरना प्रदर्शन के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए हरीश रावत ने सरकार पर आरोप लगाया कि, गैरसैंण को प्रभारी अधिकारियों के भरोसे छोड़ दिया है।

    गैरसैंण में एसडीएम, नायब तहसीलदार, खंड शिक्षा अधिकारी व चिकित्सा अधिकारियों के पद प्रभारियों के भरोसे छोड़ दिए गए हैं। कहा, 2027 में कांग्रेस की सरकार आएगी और गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का काम करेगी।

    महिलाओं का दर्द बयां करते हुए रावत ने कहा कि उनकी सरकार ने विधानसभा भवन और आवासीय भवनों का निर्माण पूरा करने के साथ ही सचिवालय के लिए 57 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। उनके बनाए गए टाउन प्लान को भी भाजपा सरकार द्वेष भावना से आगे नहीं बढ़ा रही है। इससे गैरसैंण की जनता आज भी चिकित्सकों, सड़कों और पेयजल के लिए तरस रही है।

    उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने ग्रीष्मकालीन राजधानी के नाम पर 25 हजार की घोषणा तो की, लेकिन सात साल बाद भी एक गैरसैंण में एक नई ईंट तक नहीं लगाई है। इस मौके पर हालिया दिनों में सारकोट गांव के बलिदानी हुए बसुदेव सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर पूर्व सीएम ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

    पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि वर्तमान सरकार गैरसैंण से किनारा करने का हरसंभव प्रयास कर रही है, लेकिन कांग्रेस सड़कों पर उतरकर गैरसैंण की लड़ाई को लड़ेगी।

    धरना-प्रदर्शन में प्रदीप टम्टा, विधायक द्वाराहाट मदन सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक केदारनाथ मनोज रावत, हरिद्वार के फुरकान अहमद, मंगलौर के काजी निजामुद्दीन, जसपुर के आदेश चौहान, हरिद्वार ग्रामीण से अनुपमा रावत, अल्मोड़ा से मनोज तिवारी, धारचूला से हरीश धामी, लोहाघाट से खुशाल सिंह अधिकारी, पूर्व विधायक कपकोट ललित फर्स्वाण, आनन्द रावत सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य सहित कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल रहे।