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18 मई को खुलेंगे चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम के कपाट Chamoli News

चमोली जिले में समुद्रतल से 11808 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम के कपाट 18 मई को ब्रह्ममुहूर्त में खोले जाएंगे। इसके लिए मंदिर समिति ने तैयारियां शुरू कर दी।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 10:00 AM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 10:00 AM (IST)
18 मई को खुलेंगे चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम के कपाट Chamoli News
18 मई को खुलेंगे चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम के कपाट Chamoli News

गोपेश्वर, जेएनएन। चमोली जिले में समुद्रतल से 11808 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम के कपाट 18 मई को ब्रह्ममुहूर्त में खोले जाएंगे। इसके लिए मंदिर समिति की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है। हालांकि, अभी तक रुद्रनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य पूरा नहीं हो पाया है। लॉकडाउन के चलते इसमें विलंब हुआ।

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रुद्रनाथ धाम में भगवान शिव के मुख दर्शन होते हैं। रुद्रनाथ मंदिर के पुजारी प्रयाग दत्त भट्ट ने बताया कि 14 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर से बाबा रुद्रनाथ की भोग मूर्ति बाहर निकालकर सभामंडप में स्थापित की जाएगी। दो दिन बाबा यहीं भक्तों को दर्शन देंगे। 

16 मई को बाबा की उत्सव डोली रुद्रनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी और उसका पहला पड़ाव होगा पनार बुग्याल। 17 मई की शाम डोली रुद्रनाथ धाम पहुंचेगी और 18 मई को ब्रह्ममुहूर्त में मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। 

बताया कि कपाट खुलने के मौके पर धाम में कितने लोग मौजूद रहेंगे, इसे लेकर जल्द प्रशासन के साथ बैठक होनी है। डोली यात्रा के दौरान शारीरिक दूरी के नियमों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। उधर, रुद्रनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य अभी पूरा नहीं हो पाया है। यह पैदल मार्ग केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के अधीन है। 

प्रभाग की रेंज अधिकारी आरती मैठाणी ने बताया कि छह मजदूर बर्फ हटाने के कार्य में जुटे हुए हैं। हालांकि पित्रधार से आगे अधिक बर्फ होने और रोज शाम के वक्त मौसम का मिजाज बिगड़ने से बर्फ हटाने के कार्य बाधित हो रहा है। बावजूद इसके कपाट खुलने से पूर्व मार्ग से बर्फ को पूरी तरह हटा दिया जाएगा।

मद्महेश्वर की डोली अपने धाम को रवाना

पंचकेदारों में शामिल द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर दो दिनों तक सभामंडप में रहने के बाद अपने धाम के लिए रवाना हो गई। 11 मई को ठीक 11 बजे वैदिक मंत्रोच्चरण के साथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। गत गुरुवार को वैदिक मंत्रोच्चरण के साथ केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग की उपस्थिति में ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के गर्भगृह से भगवान की जागृत भोग मूर्ति को बाहर लाकर सभामंडप में विराजमान किया था। 

शुक्रवार को भी उत्सव डोली सभामंडप में ही विराजमान रही। इस दौरान पुजारी गंगाधर लिंग ने भगवान का महाभिषेक, आरती समेत कई नित्य पूजाएं संपन्न की गई। आज सुबह नित्य पूजा अर्चना के बाद भगवान की डोली अपने धाम मद्महेश्वर को रवाना हो गई। लॉकडाउन के मद्देनजर इस दौरान सीमित लोग ही शामिल हैं। मद्महेश्वर भगवान की डोली भी ऊखीमठ से वाहन से अपने प्रथम पड़ाव रांसी पहुंचेगी।

हेमकुंड पैदल मार्ग पर विद्युत लाइन की मरम्मत का कार्य शुरू

श्री हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर शीतकाल के दौरान क्षतिग्रस्त विद्युत लाइन की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है। शीतकाल में यहां बर्फबारी से विद्युत लाइन को भारी नुकसान पहुंचा है। लगातार मौसम खराब होने से भी कर्मचारियों को मरम्मत कार्य में मशक्कत करनी पड़ रही है। विभाग का दावा है कि जून के प्रथम सप्ताह तक हेमकुंड साहिब तक विद्युत आपूर्ति सुचारु कर दी जाएगी। 

कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के चलते हेमकुंड गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर से यहां यात्र शुरू करने को लेकर को निर्णय नहीं लिया है। ऊर्जा निगम ने शीतकाल के दौरान क्षतिग्रस्त विद्युत लाइनों की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है। 

गौरतलब है कि हेमकुंड साहिब सहित यात्र के मुख्य पड़ाव घांघरिया व हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे में विद्युत आपूर्ति के लिए 16 किमी लंबी विद्युत लाइन का निर्माण किया है। इस वर्ष शीतकाल में हुई बर्फवारी के चलते यहां पैदल मार्ग पर इसे नुकसान पहुंचा।  

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जंगलचट्टी से हेमकुंड साहिब तक 10 किमी विद्युत लाइन पर 16 से अधिक पोल क्षतिग्रस्त होने से विद्युत आपूर्ति बाधित है। ऊर्जा निगम के अवर अभियंता डीएस पंवार का कहना है कि हेमकुंड साहिब को सप्लाई हो रही विद्युत लाइन पर 16 से अधिक विद्युत पोलों के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली है। इनके सुधारीकरण के लिए 12 कर्मचारियों की टीम के साथ सुधारीकरण कार्य शुरू कर दिया है।

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