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    उत्‍तराखंड के एक और गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध, केवल एक शर्त पर मिलेगी एंट्री

    Updated: Sun, 22 Sep 2024 04:14 PM (IST)

    Uttarakhand News चमोली जिले के देवाल गांव ने फेरीवालों और बाहरी मजदूरों के लिए सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। बिना सत्यापन के कोई भी फेरीवाला या मजदूर गांव में प्रवेश नहीं कर पाएगा। गांव के प्रवेश सीमा पर इस आशय का साइन बोर्ड भी लगाया गया है। नियम न मानने वाले पर 500 रुपये के जुर्माने का भी प्रविधान किया गया है।

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    Uttarakhand News: बिना सत्यापन के उलंग्रा गांव में नहीं जा पाएंगे फेरी वाले। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    संवाद सूत्र, जागरण, देवाल। Uttarakhand News: रुद्रप्रयाग के ऊखीमठ और टिहरी के कठूड़ व माणदा गांवों की तर्ज पर अब चमोली जिले के देवाल के उलंग्रा गांव में भी फेरी वाले और बाहरी मजदूरों का सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। ग्रामीणों ने बैठक कर यह निर्णय लिया कि अब बिना सत्यापन के कोई भी फेरी वाला या मजदूर गांव में प्रवेश नहीं कर पाएगा।

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    गांव के प्रवेश सीमा पर इस आशय का साइन बोर्ड भी लगाया गया है। नियम न मानने वाले पर 500 रुपये के जुर्माने का भी प्रविधान किया गया है। शनिवार को ग्राम प्रधान अंशी देवी की अध्यक्षता में ग्रामीणों की बैठक हुई। इसमें चिंता जताई गई कि बाहर के कुछ लोगों की गांव में आवाजाही बढ़ी है। वे बिना रोकटोक के गांव में प्रवेश कर रहे हैं।

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    चोरी की घटनाओं में शामिल थे बाहर के लोग

    पिछले दिनों गांव में चोरी की घटनाओं में बाहर के लोगों के शामिल होने की बात सामने आई थी। ऐसे में अब फेरी वाले और मजदूरी करने के लिए आने वाले बाहरी लोगों के सत्यापन को अनिवार्य करने पर जोर दिया गया।

    यह तय किया गया कि फड़, फेरी लगाने वाले ओर मजदूरी करने के लिए आने वालों का अब सत्यापन अनिवार्य होगा। जिसके पास पहचान संबंधित दस्तावेज नहीं होंगे उसे गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।

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    ग्रामीणों ने सुरक्षा के साथ ही गांव में सफाई व्यवस्था सुधारने का भी निर्णय लिया। यह तय हुआ कि पशुपालक खुद ही यह सुनिश्चित करेंगे कि घोड़ा-खच्चरों से गंदगी न होने पाए। नियमों का पालन न करने वाले पर पांच सौ रुपया जुर्माना लगाने पर भी सहमति बनी।

    बैठक में उप प्रधान रघुवीर सिंह, क्षेत्र पंचायत सदस्य पान सिंह, पूनम देवी, महेंद्र सिंह, पुष्कर फर्स्वाण, हीरा राम, उम्मेद बोरा, गंगा दत्त, उषा देवी, लक्ष्मी देवी, दीपा देवी, यशोदा देवी आदि मौजूद रहीं।

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