कोरोना फाइटर्स और राहगीरों को मालू के पत्तों में परोसे जा रहे हैं पहाड़ी व्यंजन
मालू के पत्तलों और कटोरियों पर राहगीरों के साथ ही कोरोना फाइटर्स को निश्शुल्क पहाड़ी व्यंजन परोसा जा रहा है।
गोपेश्वर(चमोली), जेएनएन। नगर पंचायत नंदप्रयाग की ओर से महिला समूहों को मालू के पत्तों से पत्तल और कटोरी बनाने का कार्य करने का जिम्मा दिया गया है। इन पत्तलों और कटोरियों पर राहगीरों के साथ ही कोरोना फाइटर्स को निश्शुल्क पहाड़ी व्यंजन परोसे जा रहे हैं।
लॉकडाउन में पहाड़ी व्यंजन बनाकर खिलाया तो जा ही रहा है, साथ ही शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। लॉकडाउन के चलते लोगों के रोजगार लगभग ठप हैं। ऐसे में नगर क्षेत्र की महिलाओं को मालू के पत्तल और डोंगे बनाने का कार्य सौंपा गया है। इस कार्य में 15 से अधिक महिलाएं लगी हैं। प्रतिदिन एक महिला 30 से अधिक पत्तल और डोंगे बना रही है। ये पत्तल, कटोरी बनाने में महिलाओं को आसपास के जंगलों में पर्यापत संख्या में मौजूद मालू के पत्तों को उपयोग में लाया जा रहा है।
इनसे पत्तल बनाने के लिए स्थानीय घास के बारीक लकड़ियों का प्रयोग किया जा रहा है। पहले इसी तकनीकी से उत्तराखंड के गांवों में भोज आयोजनों में पत्तल और कटोरी बनाई जाती थी। नगर पंचायत अध्यक्ष डॉ. हिमानी वैष्णव ने कहा कि महिलाएं भी स्वरोजगार के चलते इस कार्य में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने कहा कि इन पत्तल व कटोरी निर्माण से महिलाओं को स्वरोजगार मिलेगा।
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उन्होंने कहा कि नंदप्रयाग में पहाड़ी व्यंजन चैंसा, आलू की थिंच्वाणी, कड़ी, हरी सब्जी, चावल, तिमला की सब्जी, क्वीराली की सब्जी लोगों को परोसी जा रही है। जिसे लोग खूब सराह रहे हैं। नंदप्रयाग में भोजन से पूर्व लोगों का थर्मल से जांच भी की जा रही है। अध्यक्ष ने बताया कि फिलहाल महिलाओं के बनाए गए पत्तल और कटोरियां वे ही खरीद रही हैं। अगर ज्यादा संख्या में निर्माण हुआ तो इसे अन्य भंडारों में सप्लाई किया जाएगा।