बदरीनाथ राजमार्ग कमेड़ा में मलबा और चीड़ के पेड़ गिरने से वाहनों का आवागमन ठप
बद्रीनाथ राजमार्ग पर कमेड़ा में भूस्खलन से यातायात बाधित हो गया है। पहाड़ी से मलबा और पेड़ गिरने से खतरा बढ़ गया है। दो साल से जारी भूस्खलन अब 200 मीटर से अधिक क्षेत्र में फैल गया है जिससे कई वाहन फंसे हुए हैं। पुलिस ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका है।

संवाद सहयोगी, कर्णप्रयाग । बदरीनाथ राजमार्ग कमेड़ा में एनएच के लिए हर दिन दुश्वािरयां पेश कर रहा है। पहाडी से मलबे के साथ अब विशालकाय चीड़ के गिरते पेड़ खतरा बने है जबकि समीप बह रहे गधेरे की जद में एनएच की दीवार आने से आवागमन जोखिमभरा बना है।
कमेड़ा में भूस्खलन शुरू हुए दो साल से अधिक का समय हो चुका है ऐसे में सौ मीटर क्षेत्र में हुए भूस्खलन अब दौ सौ मीटर से अधिक क्षेत्र तक फैल गया है। पहाडी से गिरते बोल्डर और चीड़ के गिरते पेड के साथ मलबा दलदल का रूप ले रहा है जिससे अब तक कई वाहनों के फंस जाने के बाद मशीनों से किसी तरह निकाला गया है।
रविवार रातभर हुई बारिश के बाद सुबह आए मलबे को एनएच द्वारा हटाते हुए आवागमन सुचारू तो किया लेकिन सोमवार शुरू हुई बारिश से एनएच मार्ग कमेड़ा में दोपहर एक बजे बंद हो गया। मलबा अधिक मात्रा में आने से दोनों ओर दो सौ से अधिक वाहन फंसे हुए है।
क्या बोले थाना प्रभारी?
वहीं, बदरीनाथ यात्रा पर शासन द्वारा एक से पांच तक रोक लगाने के बाद पुलिस-प्रशासन द्वारा गौचर में यात्रियों को सुरक्षा के मद्देनजर अधिक बारिश के चलते भूस्खलन की संभावित संभावनाओं के बीच रोक दिया है। थाना प्रभारी कर्णप्रयाग आरसी भट्ट ने बताया कमेड़ा में पांच बजे बाद आवागमन सुचारू होने की बात एनएच अधिकारियों द्वारा कही जा रही है।
कमेड़ा के साथ बदरीनाथ राजमार्ग गलनाऊं, चट्टवापीपल सहित उमट्टा, बाबा आश्रम, विद्युत वितरण उपखंड परिसर के समीप भी भूस्खलन के चलते वाहनो के संचालन को सुरक्षित नही है उमट्टा में मलबा और गिरते बोल्डर के साथ चीड़ के गिरते पेड और कर्णप्रयाग नगर की लिफ्ट पेयजल योजना के पाइप टूटने का भी खतरा बना हुआ है।
सही तरीके से नही हो पा रहा मलबा हटाए जाने का काम
गौचर-कर्णप्रयाग आठ किमी क्षेत्र में सात स्थानों पर गिरते पत्थर और कर्णप्रयाग से नंदप्रयाग तक जयकंडी,कालेश्वर, लंगासू पुलिस चौकी, बेडाणू और नंदप्रयाग भूस्खलित क्षेत्र में सुचारू यातायात संचालन करने में एनएच को पसीना बहाना पड रहा है।
क्षेत्रवासियों का कहना है भूस्खलित क्षेत्र में मलबा हटाने को लेकर एनएच गंभीर नही है और अधिकारियों की गैरमौजूदगी में मलबा हटाए जाने का काम सही तरीके से नही हो पा रहा है और लगातार मलबा आने का क्रम जारी है। जबकि कई स्थानों पर एनएच की दीवार खोखली हो चुकी है।
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