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    Chamoli: बारिश थमने के साथ तीर्थस्थलों के दर्शन को पहुंचने लगा यात्रियों के जत्थे

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 06:21 PM (IST)

    बारिश थमने के बाद बद्रीनाथ राजमार्ग पर यात्रियों की चहल-पहल बढ़ गई है। रूसी और दक्षिण भारतीय तीर्थयात्रियों के समूहों ने कर्णप्रयाग आदिबद्री और चांदपुरगढ़ी का दौरा किया। उन्होंने मंदिरों के दर्शन किए पौराणिक महत्व की जानकारी ली और पूजा-अर्चना में भाग लिया। विदेशी पर्यटकों ने हिंदू धर्म के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की और स्थानीय संस्कृति को समझने में गहरी रुचि दिखाई।

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    रूसी तीर्थयात्रियों के दल ने आदिबदरी मंदिर पहुंच जानी क्षेत्र में ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के मंदिर की परंपरा

    संवाद सहयोगी, कर्णप्रयाग। बारिश थमने के साथ ही बदरीनाथ राजमार्ग से लगे प्रमुख प्रयाग और पौराणिक मठ-मंदिर सहित ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी को लेकर देशी-विदेशी यात्रियों के दल पहुंचने लगे है।

    रविवार को रूसी यात्रियों के चौदह सदस्यों के दल ने नगर क्षेत्र कर्णप्रयाग और सोमवार दक्षिण भारत से पहुंचे तीस सदस्यों के तीर्थयात्रियों के दल ने आदिबदरी और चांदपुरगढ़ी पहुंच मंदिर दर्शन कर पौराणिक महत्व की जानकारी जुटाई साथ ही शारदीय नवरात्र पर मंदिरों में होने वाली पूजा के भी साक्षी बने।

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    दरअसल इस बार बरसात में अपेक्षाकृत अधिक बारिश होने के चलते बदरीनाथ राजमार्ग पर भूस्खलन की घटनाओं के बढ़ जाने से इसका असर पर्यटन व्यवसाय पर बना है। हांलाकि अब मौसम साफ होने के साथ उत्तराखंड सहित अन्य प्रदेशों के साथ विदेशी तीर्थ यात्री भी पंचप्रयागों के साथ प्रमुख मंदिरों के दर्शन को पहुंच रहे है।

    रूसी यात्रियों के दल द्वारा आदिबदरी मंदिर पहुंच पौराणिक जानकारी जुटाते हुए समीप स्थित पर्यटक और ऐतिहासिक महत्व स्थलों को जाना। इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर में स्थित 14 मंदिर समूहों और विराजमान देवी देवताओं की जानकारी ली।

    मंदिर परिसर में कुछ देर विदेशी यात्रियों के दल ने योग साधना में समय बिताया तो कुछ यात्रियों ने परिसर में गायत्री मंत्र व महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया व सभी 14 मंदिरो में पूजा अर्पित की। इस दौरान क्षेत्रीय ग्रामीणों से वार्तालाप के दौरान उन्होंने जब अपने नाम युधिष्ठिर , रमेश, कृष्णा , गीता बताया। दल के प्रमुख रमेश ने बताया कि हिंदू धर्म

    के प्रति उनका अटूट श्रद्धा और विश्वास है ऐसे में वे जब भी भारत भ्रमण पर पहुंचते है तो अपना नाम हिन्दू धर्म के अनुसार बताते है। इस दौरान अन्य विदेशी तीर्थ यात्री मार्कोस ,विल्सन ,जैफ्री व अन्य ने भी मंदिर के दर्शन किए और चांदुपगढ़ी पहुंच गढ़वाल राजवंश संबधी जानकारी जुटाई।