Chamoli Cloudburst: बेटे के सामने आंखों से ओझल हो गए पिता, बादल फटने से आए मलबे में बहे गंगादत्त जोशी
Chamoli Cloudburst चमोली के चेपड़ों गांव में बीती रात आपदा आई जिसमें 80 वर्षीय गंगादत्त जोशी की मृत्यु हो गई। वे अपनी गाय को बचाने गौशाला गए थे तभी टूनरी गदेरे में आई बाढ़ में बह गए। गदेरे में पहले भी मलबा आया था जिससे कटाव हुआ था। बादल फटने से गदेरे का जलस्तर बढ़ गया था।
देवेंद्र सिंह रावत, चेपड़ों, थराली। Chamoli Cloudburst: तहसील थराली से तीन किमी दूर चेपड़ों गांव में 80 वर्षीय गंगादत्त जोशी बीती रात्रि आई आपदा में जान चली गई है। बताया गया कि गंगादत्त जोशी गो माता को बचाने के लिए गौशाला आए थे इसी दौरान टूनरी गदेरे में आए जल प्रलय के शिकार हो गए।
चेपड़ों गांव पिंडर नदी के किनारे बसा हुआ है। इस गांव के पास से टूनरी गदेरा बहता है। वैसे तो यह गदेरा इस गांव की संपंन्नता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस गदेरे के पानी से आस पास के क्षेत्र में सिंचाई होने से खेतों में फसलों उगाकर पीढ़ी दर पीढ़ी अनाज की आवश्यकता को पूरा करते आए हैं। इसके अलावा गदेरे में पेयजल स्रोतों से आस पास के गांवों में पेयजल आपूर्ति भी यहीं से होती है।
दो बार देखा गया विकराल रूप
बताया गया कि इस गदेरे का विकराल रूप दो बार इसी वर्ष देखने को मिला है। इस वर्ष जून माह में इस गदेरे में वर्षा के दौरान भारी मलबा आया था, हालांकि तब कोई हानि नहीं पहुंची थी। लेकिन इसके कटाव से भवनों को खतरा जरूर पहुंचा था। बताया गया कि बीती रात्रि को आपदा के दौरान चेपड़ों गांव के 80 वर्षीय गंगादत्त जोशी की गौशाला गांव से नीचे बाजार की ओर है।
बादल फटने के बाद बढ़ा गदेरे का जलस्तर
गौशाला में गाय सहित अन्य मवेशी बंधे थे जब लगभग एक बजे टूनरी गांव के ऊपर बादल फटने के बाद गदेरे का जलस्तर बढ़ा व तेज आवाजें आईं तो खतरे को भांपते हुए गंगाधर जोशी घर से आधा किमी दूर बाजार स्थित गौशाला पहुंचे। बताया गया कि उनके साथ स्वजन व आस पड़ोस के एक दर्जन से अधिक लोग भी मदद के लिए दौड़े। इससे पहले गौशाला से मवेशियां को सुरक्षित निकालते तब तक टूनरी गदेरे में भारी जल प्रलय आ गया।
लापता हो गए गंगादत्त जोशी
पानी के साथ मलबा ,पत्थरों की चपेट में आकर गंगादत्त जोशी मौके से लापता हो गए। जबकि उनके साथ मदद के लिए आए महिपाल सिंह, दर्शन सिंह, शाह,गंगा सिंह, प्रदीप बुटोला, विकास जोशी सहित अन्य लोगों ने भागकर जान बचाई, हालांकि वे भी घायल हुए हैं। गंगाधर जोशी की चेपड़ों बाजार में राशन की दुकान है तथा सड़क के ऊपर से गौशाल है दुकान व गौशाला मलबे की भेंट चढ़ गई।
आंखों के सामने ओझल हो गए पिता
गंगादत्त जोशी के साथ मौके पर गए बेटे देवीदत्त जोशी का कहना है कि उनके आंखों के सामने ही पिताजी ओझल हो गए थे। जरा भी संभलने का मौका नहीं मिला। इस दौरान वे पानी के बहाव के साथ किनारे की ओर व फिर भागकर जान बचाई।
त्रिलोक सिंह बुटोला ने बताया कि बाजार में 20 से अधिक दुकान हैं, जिसमें अधिकत्तर स्थानीय व्यापारी हैं। व्यापारी पहले दुकानों में भी सोते थे। लेकिन इसी वर्ष जून माह में आई बाढ़ के बाद भूकटाव के चलते चेपड़ों बाजार को भी खतरा पहुंचा था तब से मानसून के दौरान स्थानीय लोग दुकानों में रात्रि विश्राम नहीं कर रहे थे।
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