चमोली जिले में भारी बारिश के कारण बदरीनाथ पर भूस्खलन, घंटों तक आवाजाही ठप
चमोली जिले में भारी बारिश के कारण बदरीनाथ राजमार्ग पर भूस्खलन हुआ जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हुई। कमेड़ा में भूस्खलन से वाहनों की आवाजाही ठप हो गई जिससे घंटों तक इंतजार करना पड़ा। देवाल क्षेत्र में सड़कें बंद होने से ग्रामीणों की दिनचर्या प्रभावित हुई है। प्रशासन सड़कें खोलने का प्रयास कर रहा है लेकिन भूस्खलन के कारण खतरा बना हुआ है।
संवाद सहयोगी जागरण कर्णप्रयाग। मूसलाधार बारिश के चलते बदरीनाथ राजमार्ग पर नए और पुराने भूस्खलित जोन अधिक सक्रिय होने से आवाजाही बेहद जोखिमरी बनी है। चमोली जनपद की प्रवेश सीमा कमेड़ा में भूस्खलन से रविवार सुबह वाहनों का आवागमन चार घंटे सुबह पांच बजे से नौ बजे तक ठप रहा। जिससे रोजमर्रा संचालित होने वाली क्षेत्र की वाहन कंपनियों से सफर करने वाले यात्रियों को घंटों वाहन खुलने का इंतजार करना पड़ा।
कमेडा भूस्खलन क्षेत्र में लगातार पहाड़ी से मिट्टी और पत्थरों के आने से छोटे-बडे़ वाहनों की आवाजाही खतरे से खाली नहीं है और यहां गधेरे का रूख पलटने से सुरक्षित क्षेत्र में भी भूस्खलन का खतरा बना है। जबकि राजमार्ग की दीवार भी जलस्रोत के प्रवाह से सुरक्षित नहीं है।
बीते दो साल से यहां एनएच पहाड़ी से भूस्खलन को रोकने के लिए सुरक्षा दीवार के साथ निकासी व्यवस्था को ठीक करने के लिए करोड़ों की राशि व्यय कर चुका है, लेकिन भूस्खलन हर बरसात में दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है। जिससे समीप बसासत कमेडा गांव के ग्रामीणों की नापभूमि भी इसकी जद में है। साथ ही विशालकाय चीड़ के पेड़ राजमार्ग पर अनहोनी को न्यौता दे रहे हैं।
रविवार सुबह पांच बजे से नौ बजे तक मलबा आने और दलदल बन जाने से वाहनों का संचालन बंद रहा और एनएच द्वारा दोनों ओर से मलबा मशीनों के माध्यम हटाकर आवाजाही सुचारू की। लेकिन छोटे वाहनों के दलदल में फंसने का खतरा बरकरार है। इसी तरह गलनाऊं, चट्टवापीपल और उमट्टा पुलिया में भूस्खलित जोन थोड़ी सी बारिश में वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा रहे हैं।
देवाल क्षेत्र की अधिकांश सड़कें दो दिन से बंद
देवाल
चमोली जनपद की पिंडरघाटी बरसारत के चलते आपदा की जद में है। दो दिन से क्षेत्र की लाइफ लाइन थराली- देवाल मोटर मार्ग सहित सभी सम्पर्क मार्ग क्षतिग्रस्त होने से वाहनों का संचालन बद है। दोनों ओर ग्वालदम राजमार्ग पर दोनों ओर दो सौ से अधिक वाहन फंसे हैं। लोग अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
परिवहन निगम की दिल्ली - देवाल व देहरादून- देवाल बसे देवाल में दो दिन से खड़ी है। क्षेत्र की अधिकांश सड़कें बंद होने से ग्रामीणों की दिनचर्या प्रभावित हो गई है। रविवार को नंदकेसरी- ग्वालदम सड़क सरकोट के पास पेड़ व बोल्डर आने से सड़क के दोनों ओर वाहनों की कतार लगी रही।
वाण गांव के सुरेन्द्र सिंह ने कहा देवाल -लोहाजग मोटर ल्वाणी में भू-़धसाव से 15 दिन से बंद है। वाण, लोहाजंग सहित पांच गांव में खाद्यान्न किल्लत शुरू हो गई। हिमानी गांव के सामाजिक कार्यकर्ता बलवंत नेगी ने कहा देवाल - घेस मोटर मार्ग जनगोल में मलबा आने से दो दिन से बंद है। यहां आठ वाहन फंसे हैं। हिमनी- बलाण मोटर मार्ग भी सप्ताहभर से से काली ताल से खैरगाड़ तक क्षतिग्रस्त है। देवाल - खेता मोटर मार्ग सुयालकोट में लगातार भूस्खलन से बंद है।
लोनिवि के सहायक अभियंता जगदीश टम्टा ने कहा कि दैविक आपदा से क्षेत्र की अधिकांश सड़कें बंद हैं। ग्वालदम- नंदकेशरी मार्ग साढ़े बारह बजे खोल दिया है। देवाल- थराली मार्ग खोलने के लिए जेसीबी मशीन काम कर रही है।
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