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    Chamoli Cloudburst: खुशियों पर आपदा का ग्रहण, चार दिन बाद बेटी की शादी; मलबे में बह गया सामान

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 06:51 PM (IST)

    चमोली के सेरा गांव में बादल फटने से आई बाढ़ ने एक परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। बेटी की शादी के लिए जमा किया गया सामान मलबे में बह गया जिससे परिवार बेघर हो गया। मेहनत-मजदूरी से जोड़े गए सामान के नष्ट होने से उनके सामने गुजर-बसर का संकट आ गया है। मेहमानों ने जंगल में भागकर जान बचाई।

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    24 सितंबर को विदा होनी है बेटी, शादी का सामान मलबे में बह गया. Jagran

    संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर। चमोली जिले के नंदानगर ब्लाक के सेरा गांव में आई आपदा ने एक परिवार के सामने पहाड़ सी दुश्वारियां खड़ी कर दी हैं।

    चार दिन बाद बेटी की शादी है, लेकिन इसके लिए की गई तैयारी और जुटाया गया सामान मलबे में बह गया है। परिवार की खुशियां बिखर गई हैं। परिवार के सामने गुजर-बसर करने का संकट आ खड़ा हुआ है।

    बिनसर की पहाडियों में बादल फटने के स्यारपाखा गदेरे में आई बाढ़ धुर्मा के पास मोक्ष नदी में मिली तो नदी विकराल होकर बहने लगी। इस दौरान सेरा गांव में भी नदी ने भारी तबाही मचाई।

    23 को बेटी नीमा गुंसाई की शादी

    गांव के महिपाल सिंह गुंसाई का मकान, गोशाला और घराट मोक्ष नदी के प्रचंड वेग में बह गया है। उनकी बेटी नीमा गुंसाई की 23 को शादी है। बरात विकासखंड पोखरी के कलसीर डांडों से आनी है।

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    शादी के लिए एकत्रित किया गया सामान बह गया है। परिवार बेघर हैं। परिवार कृषि कार्य करता है। बेटी को विदा करने के लिए खेती-किसानी और मेहनत-मजदूरी से सामग्री और जेवरात जोड़े थे। घर में शादी की खुशियां थीं। मेहमानों के आने का क्रम शुरू हो गया था। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि मोक्ष नदी के तेज बहाव में सभी उम्मीद बह जाएंगी।

    आपदा का मंजर ऐसा था कि परिवार के सदस्यों और मेहमानों ने किसी तरह जंगल में भागकर जान बचाई है। महिपाल की पत्नी देवेश्वरी देवी का कहना है कि बेटी की शादी के लिए उन्होंने पाई पाई जोड़कर रखा था, लेकिन आपदा सब कुछ बहा ले गई।