Chamoli Disaster : बेटी की पुकार दरकिनार, दूसरों को बचाने में खुद लापता; सदमे में परिवार
चमोली जिले के कुंतरी लगाफाली गांव में भारी बारिश के दौरान नरेंद्र सिंह रावत नामक एक व्यक्ति ग्रामीणों को बचाने के लिए घर-घर जाकर उन्हें जगा रहा था। अपनी बेटी की गुहार को अनसुना करते हुए वह लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कह रहा था कि तभी वह खुद मलबे की चपेट में आ गया और लापता हो गया। उसके परिवार में मातम छाया हुआ है।

देवेंद्र रावत, जागरण गोपेश्वर। पापा..पापा.. बाहर भारी वर्षा है। खतरा है। आप कहीं मत जाओ प्लीज.. हमें डर लग रहा है। यह पुकार थी 14र्ग्ष की तुनजा की, लेकिन उसके पापा नरेंद्र सिंह रावत नहीं माने।
गांव में आई आपदा से ग्रामीणों को बचाना उन्होंने न सिर्फ कर्तव्य समझा अपितु आधी रात में भारी वर्षा के बीच घर से बाहर भी निकल गए। लोगों को जगाकर, सुरक्षित स्थानों पर भागने के लिए कहकर वह खुद मलबे की चपेट में आने से लापता हो गए। अब उनके घर में कोहराम मचा है। पत्नी, बेटी और बेटे का रो-रोकर बुरा हाल है।
भारी गर्जना के साथ शुरू हुई वर्षा
नंदानगर विकासखंड के कुंतरी लगाफाली निवासी नरेंद्र सिंह उस समय अपने परिवार के साथ घर में थे, जब एक बजे भारी गर्जना के साथ वर्षा शुरू हुई। अचानक नींद खुली तो खतरे का अहसास हो गया। उन्होंने अपनी पत्नी, बेटे और बेटी को सुरक्षित स्थान की ओर भेज दिया। इसके बाद ग्रामीणों की मदद को जाने लगे।
इस पर बेटी ने आगाह किया कि बाहर हालात ठीक नहीं दिख रहे हैं, इसलिए वह भी उनके साथ ही रहें। लेकिन नरेंद्र को गांव की भी फिक्र थी, इसलिए उन्होंने बेटी की बात को अनसुना कर दिया। उन्होंने कहा कि गांव के अन्य लोगों को भी सुरक्षित जगह पर ले जाना है। इस दौरान कुछ लोग नंदानगर की ओर तो कुछ घिंघराण की ओर भाग रहे थे।
नरेंद्र सिंह घर-घर जाकर लोगों को नींद से जगा रहे थे। उन्हें सुरक्षित स्थानों की ओर जाने के लिए जाने के लिए कह रहे थे। अचानक मलबे की चपेट में आने से वह लापता हो गए। ग्रामीणों ने कहा कि नरेंद्र सिंह ने परिवार की चिंता किए बगैर दूसरों की जान के लिए साहसिक कदम उठाया। उनका मकान पूरी तरह से सुरक्षित है।
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