चमोली के थराली में आपदा के बीच बेतालेश्वर शिव मंदिर सुरक्षित रहा। भूस्खलन से आसपास के भवन क्षतिग्रस्त हुए पर मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ। स्थानीय लोग इसे दैवीय चमत्कार मान रहे हैं। मंदिर के ऊपर की दीवार और पेड़ गिरे लेकिन मलबा मंदिर के चारों ओर से बह गया। यह मंदिर क्षेत्र में गहरी आस्था का प्रतीक है।
राम सिंह राणा, जागरण थराली (चमोली)। थराली में आई आपदा के दौरान हुए भूस्खलन में बेतालेश्वर शिव मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। स्थानीय लोग इसे दैवीय चमत्कार मान रहे हैं। शुक्रवार रात कोटदीप तोक में बादल फटने से भूस्खलन हुआ, जिससे मंदिर के ऊपर स्थित दीवार और सेमल के पेड़ गिर गए।
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हालांकि, मलबे का रुख मंदिर के चारों ओर हुआ, जिससे सरस्वती शिशु मंदिर, चिकित्सालय और अन्य भवनों को नुकसान पहुंचा है। 108 एबुलेंस टेंपों ट्रेवल्स भी मलबे में दब गए हैं, जबकि मंदिर सुरक्षित रहा। यह मंदिर आस्था का केंद्र है। वर्षाकाल में आस-पास के लोग रात जागरण करने आते हैं। यह मंदिर थराली के प्राचीन शिव मंदिरों में से एक है, जहां शिवलिंग की पूजा की जाती है।
मंदिर के आसपास 10 से अधिक भवनों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन मंदिर पर एक भी खरोंच नहीं आई है।
सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य भगवती प्रसाद गुंसाई ने बताया कि भूस्खलन के दौरान जब पेड़ और पत्थर बहकर आए, तो ऐसा लगा कि कोई नहीं बचेगा। स्थानीय लोग मंदिर के अंदर गए और वहां मौजूद बाबा को जगाया।
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