Chamoli Cloudburst: अनहोनी की आशंका पर पुरुषोत्तम ने ग्रामीणों को जगाया, चंद मिनटों बाद ही मलबे में दब गए घर
गोपेश्वर के धुर्मा ग्वाड तोक में पुरुषोत्तम तिवारी ने सैलाब के खतरे को भांपकर लोगों को जगाया और फोन करके सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा। भारी बारिश से बिजली गुल हो गई थी और पहाड़ियों से भयानक आवाजें आ रही थीं। खतरे को भांपते हुए लोग घरों से भागे और गांव को खाली कर दिया जिससे एक बड़ी जनहानि टल गई।

संवाद सहयोगी जागरण, गोपेश्वर। धुर्मा ग्वाड तोक में रहने वाले पुरुषोत्तम तिवारी उन व्यक्तियों में थे जिन्होंने रात्रि को इस सैलाब से भारी नुकसान की आंशका को देखते हुए लोगों को हल्ला कर न केवल जगाया, बल्कि फोन कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा।
धुर्मा के ग्वाड तोक में पुरुषोत्तम तिवारी की आवासीय मकान, गौशाला, मत्स्य पालन, फायवर ब्लॉक बनाने का प्लांट भी बह गया है। बताया गया कि जब तेज गर्जना के साथ भारी वर्षा हुई तो बिजली गुल हो गई। बताया गया कि वर्षा सांय आठ बजे से चल रही थी।
एक बजे बाद भारी गर्जना होने लगी। लगभग डेढ़ बजे बाद बिनसर की पहाड़ियों में आवाजें आने लगी तो 51 वर्षीय पुरुषोत्तम तिवारी को खतरे का आभास हो गया। पुरुषोत्तम तिवारी का कहना है कि उसने खतरे को देखते हुए सीटी बजाने के साथ चिल्लाकर लोगों को आवाजें लगाई।
लगभग दौ सौ मीटर दूरी पर धुर्मा गांव के यशंवत सिंह,दिलबर सिंह नेगी, देवेंद्र सिंह ,मंगल सिंह नेगी आदि को मोबाइल से बात कर किसी अनहोनी का अंदेशा जताया। इस दौरान स्यारपाखा गदेरे में जल स्तर बढ़ने भी लग गया था, आवाजें इतनी भयानक थी कि हर कोई भयभीत था।
खतरे को भांपते हुए लोग घरों से निकल आए और एक दूसरे को खतरे से सजग करने लग गए इसी दौरान गांव में कटाव के साथ पानी घरों के अंदर पहुंचा तो लोग भागने लगे। परुषोत्तम तिवारी का कहना है कि अपने जीवन काल में उन्होंने ऐसी गर्जना कभी नहीं सुनी है। कहा कि वे भी खुद अपना घर छोड़कर भाग गए थे। अन्यथा वे भी अनहोनी का शिकार हो जाते।
गांव के दिलबर सिंह नेगी का कहना है कि बिजली पहले ही गुल थी और मोबाइल टावर भी बंद हो गया था। इसके बाद एक दूसरे को हल्ला या फिर सीटी बजाकर वे लोग गांव से ऊपर की ओर खेतों में भागे, इस दौरान उनके ही आंखों के सामने घरों में मलबा भरने के साथ भूकटाव शुरु हो गया था। गांव के ही मंगल सिंह का कहना है कि अगर चंद मिनटों को गांव खाली नहीं होता तो बड़ी जनहानि हो सकती थी।
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