Chamoli Disaster: मुख्यमंत्री ने किया आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण, मृतकों के परिजनों को दिए 5 लाख के चैक
चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में बादल फटने से आई आपदा के बाद प्रभावितों के विस्थापन की चुनौती है। प्रशासन ने 84 बेघर ग्रामीणों को राहत शिविरों में पहुंचाया है लेकिन कई अपने घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं। आपदा में लापता पांच और लोगों के शव मिलने से मृतकों की संख्या सात हो गई है। मुख्यमंत्री ने आपदाग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया और राहत कार्यों का जायजा लिया।

जासं, गोपेश्वर। चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में बादल फटने से आई आपदा में अब प्रभावितों के विस्थापन की चुनौती है। प्रशासन प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर शिविरों में रहने को कह रहा है लेकिन प्रभावित अपने घरों को छोड़ने को तैयार नहीं है।
आपदा में लापता पांच और लोगों के शव मिल गए हैं। इसके साथ ही यहां मृतकों की संख्या सात पहुंच गई है। दो लोग अब भी लापता हैं, जिनकी खोजबीन की जा रही है। घर क्षतिग्रस्त होने से बेघर हुए 84 ग्रामीणों को प्रशासन ने राहत शिविरों में शिफ्ट किया है।
सहायता राशि के चैक भी दिए
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को चमोली जनपद के नंदानगर क्षेत्र में आपदाग्रस्त कुंतरी लगा फाली व सरपाणी गांव का स्थलीय निरीक्षण किया और आपदा पीड़ितों से भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री को देख आपदा पीड़ित अपने आंसुओं को रोक नहीं सके। पीड़ित उन्हें अपने बीच पाकर लिपटे, कंधे पर सिर रखा और बिलखने लगे। मुख्यमंत्री ने भी उन्हें भरोसा दिलाया कि हर संकट में उनके साथ खड़े हैं। मुख्यमंत्री ने आपदा में मृतकों के स्वजन को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि के चेक भी वितरित किए।
आपदा प्रभावित धुर्मा, मोख, कुंडी, बांसबारा और मोखमल्ला गांवों का भी मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण कर आपदा से नुकसान व राहत कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री सुबह 11 बजे हेलीकाप्टर से कुरुड पहुंचे और फिर वाहन में आपदाग्रस्त क्षेत्र तक गए। वहां उन्होंने राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का विस्तृत आकलन करने के निर्देश दिए।
इस दौरान आपदा पीड़ितों ने नम आंखों और रूंधे गले से उस रात की विभीषिका धामी से बयां की। मुख्यमंत्री ने भी आपदा पीड़ितों को गले लगाकर ढाढस बंधाया और विश्वास दिलाया कि दुख की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। आपदा प्रभावितों से उन्होंने प्रशासन की ओर से की गई मदद का फीडबैक भी लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री राहत शिविरों में गए और प्रभावितों का हालचाल लिया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनजीवन को शीघ्र सामान्य करने के लिए पूरी क्षमता से निरंतर जुटे रहें। प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत व पेयजल आपूर्ति सुचारू करने और सड़क संपर्क बहाल करने के काम को प्राथमिकता से पूरा करने के लिए कहा। इस दौरान जिलाधिकारी चमोली डा. संदीप तिवारी ने मुख्यमंत्री को आपदा से हुए नुकसान और राहत कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि कुंतरी लगा फाली, सरपाणी, धुर्मा, सेरा व मोख गांव में 45 भवन व 15 गोशाला ध्वस्त हो गई हैं।
ग्रामीणों के आठ पशुओं की मौत हुई है, जबकि 40 पशु लापता बताए गए हैं। अब तक 12 घायलों को हेली से श्रीनगर व एम्स ऋषिकेश भेजा गया है। प्रभावित लोगों को आश्रय के साथ खाद्य सामग्री, स्वास्थ्य व अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। लापता लोगों की खोजबीन जारी है। सड़क खोलने का कार्य तेजी से चल रहा है।
इस दौरान जनपद के प्रभारी मंत्री डा. धन सिंह रावत, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, जिला पंचायत अध्यक्ष दौलत सिंह बिष्ट, भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल बर्त्वाल, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, एसडीएम चमोली आरके पांडेय आदि मौजूद रहे।
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