Chamoli Avalanche: खुद के लिए भी तीन दिन में हाईवे नहीं खोल पाया बीआरओ, माणा के लिए नहीं पहुंची रेस्क्यू टीम
Chamoli Avalanche बदरीनाथ धाम के माणा में हिमस्खलन के बाद बीआरओ तीन दिनों में भी बदरीनाथ हाईवे नहीं खोल पाया है। लिहाजा सड़क मार्ग से रेस्क्यू टीम माणा नहीं पहुंच पाई है। हनुमानचट्टी से छह किमी आगे तक ही बीआरओ बर्फ हटा पाई है। रडांग बैंडों में अत्यधिक बर्फ होने के चलते हाईवे खोलने में दिक्कतें आ रही हैं।

संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर । Chamoli Avalanche : बदरीनाथ धाम के माणा के पास सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मजदूरों के हिमस्खलन में दबने की घटना के बाद आपदा प्रबंधन में सड़क मार्ग की बाधा इस बार भी सामने आई।
खास बात यह है कि सीमा सड़क संगठन खुद के मजदूरों को बचाने के लिए तीन दिनों में बदरीनाथ हाईवे नहीं खोल पाया। लिहाजा सड़क मार्ग से बदरीनाथ माणा के लिए रेस्क्यू टीम नहीं पहुंच पाई। हनुमानचट्टी से छह किमी आगे तक बीआरओ बर्फ हटा चुकी है। रडांग बैंडों में अत्यधिक बर्फ होने के चलते हाईवे खोलने में दिक्कतें आ रही हैं।
बदरीनाथ धाम से घटनास्थल माणा की दूरी तीन किमी
जोशीमठ से बदरीनाथ धाम की दूरी 44 किमी है। बदरीनाथ धाम से घटनास्थल माणा की दूरी तीन किमी है। बदरीनाथ धाम में तो छह फीट से अधिक बर्फ जमी हुई है, लेकिन बदरीनाथ से हनुमान चट्टी के बीच 12 किमी क्षेत्र में तीन से सात फीट तक बर्फ है। जब हाईवे नहीं खुला तो एसडीआरएफ को हेलीकाप्टर से माणा में रेस्क्यू के लिए भेजा गया।
वे तीन दिन से सड़क खुलने के इंतजार में पांडुकेश्वर में डेरा डाले हुए थे। इस घटना में सीमा सड़क संगठन के सड़क खोलने के दावों की भी पोल खुल कर रह गई है। बीआरओ के पास सीमित संसाधन व पर्याप्त स्नो कटर मशीनें न होने से हाईवे से बर्फ हटाने में दिक्कतें आ रही हैं। सीमा सड़क संगठन द्वारा खुद की जरूरत के लिए भी हाईवे न खोल पाने से कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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जिलाधिकारी ने दिए मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश
गोपेश्वर माणा में हिमस्खलन की घटना में सीमा सडक संगठन की लापरवाहियों को लेकर जिला प्रशासन ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी डॉ संदीप तिवारी ने बताया कि मजिस्ट्रेटी जांच ज्योतिर्मठ के उपजिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ को सौंपी गई है।
गौरतलब है कि माणा के पास हिमस्खलन की घटना में आठ लोगों की मौत हुई है व 46 लोग घायल हुए हैं। मामले में हिमस्खलन जोन में सीमा सड़क संगठन निर्माण कंपनी का आवासीय परिसर बनाए जाने को लेकर भी सवाल उठे थे साथ ही भारी बर्फबारी के दौरान भी सीमा क्षेत्र में काम कर रहे मजदूरों को सुरक्षित स्थानों पर नहीं ले जाया गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए हैं।

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