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बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर 15 घंटे बाद सुचारू हुआ आवागमन, यात्र‍ियों के अलावा 500 वाहन चालकों ने ली राहत की सांस

Badrinath National Highway लाटूगैर कर्णप्रयाग बाबा आश्रम के पास पहाड़ी से चट्टान और मलबा आने से बंद बदरीनाथ हाईवे 15 घंटे की मशक्कत के बाद खोला जा सका। बदरीनाथ यात्रा के लिए जाने वाले यात्रियों के अलावा हाईवे पर फंसे अन्य 500 वाहन चालकों ने भी राहत की सांस ली।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 08:25 AM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 10:02 PM (IST)
बदरीनाथ नेशनल हाईवे भूस्खलन से बंद, 200 वाहन रहे फंसे।

संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग (चमोली)। Badrinath National Highway  लाटूगैर कर्णप्रयाग बाबा आश्रम के पास पहाड़ी से चट्टान और मलबा आने से बंद बदरीनाथ हाईवे 15 घंटे की मशक्कत के बाद खोला जा सका। इसके बाद बदरीनाथ यात्रा के लिए जाने वाले यात्रियों के अलावा हाईवे पर फंसे अन्य 500 वाहन चालकों ने भी राहत की सांस ली। हालांकि लाटूगैर आश्रम के समीप पहाड़ी से चट्टान व मलबा लगातार हाईवे पर गिर रहा है, जिससे शनिवार को भी मार्ग बाधित हो गया था, लेकिन शनिवार रात तीन जेसीबी मशीनों ने मलबा हटाकर आवागमन बहाल कर दिया। लेकिन, दो घंटे बाद हाईवे फिर से बंद हो गया, जो 15 घंटे बाद खुला।

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रविवार सुबह से ही पहाड़ी से लगातार गिर रहे मलबे के कारण जेसीबी मशीन काम नहीं कर पा रही थी। सात बजे जेसीबी ने मलबा हटाते हुए आठ बजे आवागमन सुचारू कर दिया। इस दौरान दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लगी रही। साथ ही आवश्यक वस्तुओं की जोशीमठ, बदरीनाथ, चमोली सहित सीमांत जनपद तक सप्लाई करने वाले वाहनों के अलावा बदरीनाथ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों के 500 से अधिक वाहन इंतजार करते रहे।

वाहन स्वामी भगवती प्रसाद ने बताया कि यात्रा शुरू करने से पहले एनएच की ओर से संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। लगातार गिरते मलबे के साथ कई जगह पर चीड़ के पेड़ भी भूस्खलन की चपेट में आ रहे हैं। शनिवार रात बदरीनाथ हाईवे अवरुद्ध रहने से नगर के अधिकांश होटल और रेस्टोरेंट फुल रहे। हालांकि निजी वाहन सहित अन्य बस सेवाओं से सफर करने वाले राहगीर घंटों वाहनों में बैठकर राजमार्ग खुलने का इंतजार करते रहे। रविवार सुबह सात बजे तक जब मार्ग नहीं खुला तो कई दोपहिया चालक मलबे से जोखिम उठाते हुए आवाजाही करते रहे।

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ग्रामीण मोटर मार्ग से बनाई वैकल्पिक व्यवस्था

प्रशासन की ओर से हाईवे बंद होने के चलते वैकल्पिक मार्ग धारडुंग्री- सोनला-कंडारा से कर्णप्रयाग व चमोली जाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाई गई। लेकिन, ग्रामीण मोटर मार्ग की हालत खस्ता होने के चलते मार्ग से छोटे वाहनों का सीमित संख्या में ही संचालन हो सका।

एनएचआइडीसीएल के सहायक अभियंता अंकित कुमार का कहना है कि पहाड़ी से लगातार गिरते मलबे के चलते जेसीबी मशीनों ने रातभर मलबा हटाया। लेकिन, खतरे की आशंका को देखते हुए मार्ग खुलने में देरी हुई। पहाड़ी से बोल्डर और पेड़ों को हटाकर आवागमन सुचारू कर दिया गया है।

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