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    चारधाम यात्रा: माता मूर्ति से हुआ भगवान बदरी विशाल का मिलन, भक्‍तों की भर आई आंख

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 08:25 PM (IST)

    वामन द्वादशी पर भगवान बदरी विशाल का माणा गांव में माता मूर्ति मंदिर में अपनी माता से भावपूर्ण मिलन हुआ। सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक मंदिर के कपाट बंद रहे। मिलन के बाद रावल अमरनाथ नंबूदरी बंधनमुक्त हुए अब वे बदरीशपुरी का भ्रमण कर सकते हैं। मंदिर समिति ने सफल आयोजन पर शुभकामनाएं दीं। भगवान बदरी विशाल अपनी माता को दिए वचन का निर्वहन करते हैं।

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    वामन द्वादशी पर भगवान बदरी विशाल को उनकी माता के साथ लगा दोपहर का भोग। जागरण

    संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर। वामन द्वादशी पर गुरुवार को भगवान बदरी विशाल का माणा गांव स्थित माता मूर्ति मंदिर में अपनी मां देवी मूर्ति से भावपूर्ण मिलन हुआ। इस दृश्य को देखकर माता मूर्ति मेले में पहुंचे भक्तों के नेत्र सजल हो उठे। इस दौरान सुबह दस बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद रहे।

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    वहीं, भगवान बदरी विशाल के माता मूर्ति से मिलन के बाद धाम के रावल अमरनाथ नंबूदरी भी बंधनमुक्त हो गये। अब वे कपाट बंद होने तक संपूर्ण बदरीशपुरी का भ्रमण कर सकते हैं। अब तक रावल अपने आवास से मंदिर और मंदिर से अपने आवास तक ही आ-जा सकते थे। वहीं, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने माता मूर्ति मेले के सफल आयोजन पर शुभकामनाएं दीं।

    लोक मान्यता के अनुसार भगवान बदरी विशाल ने अपनी मां देवी मूर्ति को वचन दिया था कि वह उनसे मिलने वर्ष में एक बार जरूर आएंगे और इसका निर्वहन भगवान वामन द्वादशी के मौके पर करते हैं। इस मौके पर वह बदरीनाथ धाम से माणा गांव स्थित माता मूर्ति मंदिर जाते हैं।

    इसी कड़ी में बदरीशपुरी के क्षेत्र रक्षक घंटाकर्ण देवता माता मूर्ति मंदिर आने का न्योता लेकर बुधवार को माणा गांव से बदरीनाथ धाम पहुंचे थे। गुरुवार सुबह दस बजे पूजा-अर्चना और भगवान बदरी विशाल को बाल भोग लगने के बाद उनके प्रतिनिधि एवं बालसखा उद्धवजी की डोली रावल अमरनाथ नंबूदरी की अगुआई में सेना के बैंड की मधुर लहरियों के बीच माता मूर्ति मंदिर के लिए रवाना हुई।

    तीन किमी लंबी इस पैदल यात्रा के दौरान भगवान बदरी विशाल की जय-जयकार से पूरी बदरीशपुरी गुंजायमान हो उठी। माता मूर्ति पहुंचने पर रावल ने उद्धवजी के विग्रह को गर्भगृह में स्थापित किया।

    इस मौके पर नायब रावल सूर्यराग नंबूदरी, मंदिर समिति के उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, पूर्व उपाध्यक्ष किशोर पंवार, पूर्व प्रधान माणा पीतांबर मोल्फा, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, प्रभारी धर्माधिकारी स्वयंबर सेमवाल, पूर्व धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल, पं. मोहित सती, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान आदि मौजूद रहे।

    इससे पूर्व, श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल की पूजा-अर्चना की, जबकि माणा के महिला मंगल दल ने भगवान को जौ की हरियाली भेंटकर स्वागत गीत गाये। दिन के भोग-अभिषेक व पूजा-अर्चना के बाद अपराह्न तीन बजे उद्धवजी माता मूर्ति मंदिर से बदरीनाथ धाम वापस लौटकर पुन: मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हुए।

    इसी के साथ मंदिर को दर्शन के लिये खोल दिया गया। इस दौरान आइटीबीपी व सेना की ओर से भंडारे का आयोजन भी किया गया। हालांकि, पांच सितंबर तक यात्रा स्थगित होने के कारण तीर्थयात्री इस उत्सव में शामिल नहीं हो पाये।

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