बद्रीनाथ धाम में पंच पूजा की आ गई डेट, केदारनाथ धाम की गेट क्लोजिंग कब? तिथि व मुहूर्त की घोषणा
बद्रीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होंगे। 21 नवंबर से पंच पूजा शुरू होगी और 26 नवंबर को भगवान की डोलियां पांडुकेश्वर और ज्योतिर्मठ के लिए प्रस्थान करेंगी। केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को बंद होंगे। मध्यमेश्वर और तुंगनाथ धाम के कपाट भी नवंबर में बंद होंगे। यमुनानोत्री धाम के कपाट भी 23 अक्टूबर को बंद होंगे।

जागरण संवाददाता, गोपेश्वर। इस बार उत्तराखंड हिमालय की चारधाम यात्रा 25 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने के साथ विराम लेगी। धाम के कपाट दोपहर 2:56 बजे बंद किए जाएंगे।
गुरुवार को बदरीनाथ धाम में आयोजित धार्मिक समारोह में पंचांग गणना के बाद धाम में 21 नवंबर से होने वाली पंच पूजा और भगवान बदरी विशाल के विग्रहों की शीतकालीन गद्दीस्थल पांडुकेश्वर व ज्योतिर्मठ के लिए प्रस्थान की तिथि भी घोषित की गई।
विजयादशमी के अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल और हक-हकूकधारी तीर्थ पुरोहितों की मौजूदगी में रावल अमरनाथ नंबूदरी ने धाम के कपाट बंद करने की तिथि व मुहूर्त की घोषणा की।
कार्यक्रम में धाम के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट व अमित बंदोलिया, मंदिर समिति के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, पंडित मोहित सती आदि मौजूद रहे। इस मौके पर मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने वर्ष 2026 के लिए धाम के हक-हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की और सभी थोकों के पदाधिकारियों को सम्मानित किया।
भंडारी थोक से मनीष भंडारी, मेहता थोक से महेंद्र सिंह मेहता व दिनेश भट्ट और कमदी थोक से कुलभूषण पंवार को पगड़ी भेंट की गई। अपने संबोधन में अध्यक्ष द्विवेदी ने कहा कि दूसरे चरण की यात्रा के लिए अभी लगभग दो माह का समय शेष है। आपदा के बावजूद अभी तक 14,20,357 तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम और 16,02,420 तीर्थयात्री केदारनाथ धाम में दर्शन कर चुके हैं। इस दौरान उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने भी विचार रखे।
धाम में पंच पूजा और विग्रहों के प्रस्थान का कार्यक्रम
- 21 नवंबर : सुबह भगवान गणेश की पूजा होगी और शाम को बंद किए जाएंगे गणेश मंदिर के कपाट।
- 22 नवंबर : आदि केदारेश्वर मंदिर और शंकराचार्य मंदिर के कपाट होंगे बंद।
- 23 नवंबर : बंद होगा खडग पुस्तक का वाचन।
- 24 नवंबर : माता लक्ष्मी को अर्पित होगा कढ़ाई भोग। इसके बाद माता लक्ष्मी को भगवान नारायण के साथ गर्भगृह में विराजमान होने का न्योता देने लक्ष्मी मंदिर जाएंगे रावल।
- 25 नवंबर : गर्भगृह में विराजमान होंगी माता लक्ष्मी। दोपहर 2:56 बजे बंद होंगे धाम के कपाट।
- 26 नवंबर : भगवान बदरी विशाल के प्रतिनिधि एवं बालसखा उद्धवजी, देवताओं के खजांची कुबेरजी व भगवान बदरी विशाल के वाहन गरुड़जी के साथ आदि शंकराचार्य की गद्दी डोली शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ के लिए करेगी प्रस्थान।
25 अक्टूबर को ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली
केदारनाथ धाम के साथ ही द्वितीय केदार मध्यमेश्वर व तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट बंद करने की तिथि व मुहूर्त भी तय हो गए हैं। परंपरा के अनुसार केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज पर्व पर 23 अक्टूबर को सुबह 8:30 बजे बंद होंगे और इसी दिन बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली शीतककालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी।
विजयादशमी के अवसर पर पंचगद्दीस्थल ओंकोरश्वर मंदिर ऊखीमठ में पुजारी पुजारी शिवशंकर लिंग, वेदपाठी व हक-हकूकधारियों की मौजूदगी में केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त और द्वितीय केदार मध्यमेश्वर धाम के कपाट बंद करने की तिथि व मुहूर्त निकाले गए।
तय हुआ कि कपाट बंद होने के तुरंत बाद बाबा केदार की पंचमुखी विग्रह डोली यात्रा रात्रि प्रवास के लिए अपने पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान करेगी। 24 अक्टूबर को डोली गुप्तकाशी स्थित श्री विश्वनाथ मंदिर और 25 अक्टूबर को शीतकालीन प्रवास स्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी।
वहीं, द्वितीय केदार मध्यमेश्वर धाम के कपाट 18 नवंबर को सुबह 6:30 बजे बंद किए जाएंगे। इसके तुरंत बाद बाबा मध्यमेश्वर की डोली रात्रि विश्राम के लिए गौंडार के लिए प्रस्थान करेगी। 19 नवंबर को डोली राकेश्वर मंदिर, 20 नवंबर को गिरिया और 21 नवंबर को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। परंपरा के अनुसार इसी दिन मध्यमेश्वर मेला भी आयोजित होगा।
मक्कूमठ स्थित मर्कटेश्वर मंदिर में मठापति रामप्रसाद मैठाणी, प्रबंधक बलबीर नेगी, पुजारीगण अतुल, अजय व मुकेश मैठाणी की मौजूदगी में तय हुआ कि छह नवंबर को पूर्वाह्न 11:30 बजे तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद बाबा की उत्सव विग्रह डोली प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान करेगी। सात नवंबर को डोली भनकुन और आठ नवंबर को शीतकालीन प्रवास स्थल मर्कटेश्वर मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी।
शीतकालीन प्रवास के लिए 23 अक्टूबर को खरसाली पहुंचेंगी देवी यमुना
परंपरा के अनुसार भैयादूज पर 23 अक्टूबर को विशाखा नक्षत्र व आयुष्मान योग में दोपहर 12:30 बजे यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद देवी यमुना की विग्रह डोली समेश्वर देवता की अगुआई में शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली स्थित यमुना मंदिर पहुंचेगी। इस अवसर पर श्री पंच यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष संजीव उनियाल, सचिव गिरीश उनियाल, प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल समेत अन्य पदाधिकारी व श्रद्धालु मौजूद रहे।
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