गर्मियों में सुकून भरी ग्लेशियरों की बर्फीली हवा
गर्मियों में सुकून दिलाने वाले ग्लेशियरों की यात्रा 15 अप्रैल से शुरू होगी। पिडारी कफनी ग्लेशियर और सुंदरढूंगा घाटी की तरफ ट्रैकरों जाएंगे। क्षेत्र के पोर्टर खच्चर संचालकों को भी काम मिलने की उम्मीद है।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : गर्मियों में सुकून दिलाने वाले ग्लेशियरों की यात्रा 15 अप्रैल से शुरू होगी। पिडारी, कफनी ग्लेशियर और सुंदरढूंगा घाटी की तरफ ट्रैकरों जाएंगे। क्षेत्र के पोर्टर, खच्चर संचालकों को भी काम मिलने की उम्मीद है।
जिले के विश्व प्रसिद्ध पिडारी और कफनी ग्लेशियर और सुंदरढूंगा घाटी देश-विदेश के ट्रैकरों के लिए मुफीद है। पिडारी को लेडीज ट्रैक भी कहा जाता है। गर्मियों में यहां बर्फीली हवाओं का आनंद लेने के लिए पर्यटकों का आना-जाना रहता है। इसके अलावा धूर, धाकुड़ी, फुरकिया, खाती आदि स्थानों पर भी पर्यटक रहते हैं। अप्रैल से जुलाई तक उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही रहती है। जिससे गाइड, पोर्टर, खच्चर संचालकों की रोजी-रोटी भी चलती है। पिछले दो वर्षों से गर्मी के दिनों में कोरोना के केस बढ़ने के बाद ग्लेशियरों की सैर करने वालों की संख्या बेहद कम रही। यहां रोमांच और चुनौतियां भी
ग्लेशियरों में रोमांच है वहीं चुनौतियां भी काफी हैं। वर्ष 2013 की आपदा के जख्म कदम-कदम पर ट्रैकरों की परीक्षा लेते हैं। कफनी को जाने वाले रूट में जांतोली से आगे लगभग तीन किमी क्षतिग्रस्त है। पिडारी ग्लेशियर के मार्ग में फुररकिया से जीरो प्वाइंट तक सात किमी रास्ते में भूस्खलन होता है। पिडारी, कफनी और सुंदरढूंगा रूट पर काम चल रहा है। पिडर नदी में पक्के स्पान पुल का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा हो जाएगा। कफनी और पिडारी रूट में आपदा से हुई क्षति का निरीक्षण लिया गया है और मरम्मत की जा रही है। धाकुड़ी, खाती, द्वाली और फुरकिया लोनिवि विश्राम गृह यात्रियों के स्वागत को तैयार हैं।
- संजय पांडे, ईई, लोनिवि, कपकोट 2020 में 14 ट्रैकर आए थे। इस बार ग्लेशियरों की तरफ जाने वाले सैलानियों की आमद बढ़ेगी। उनका रिकार्ड वन विभाग रखेगा। 15 अप्रैल से ग्लेशियर की यात्रा शुरू होगी। तब तक सभी इंतजाम पूरे करा लिए जाएंगे।
- कीर्ति चंद्र आर्या, जिला पर्यटन अधिकारी
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